कश्मीर छोड़ने वाले बिहार के मज़दूर क्या कह रहे हैं ?
बिहार के अखिलेश कुमार हाल ही में राज्य के बाहर से आए मजदूरों पर हुए हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर छोड़ने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। सरकार ने सभी बाहरी लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस थानों और सरकारी कार्यालयों में रिपोर्ट करने को कहा है।
कश्मीर में इन दिनों चरमपंथी हमलों की तादाद बढ़ गई है। रविवार को तीन अलग अलग हमलों में दो बिहारी मजदूरों जबकि उत्तर प्रदेश के एक स्ट्रीट वेंडर की हत्या हो गई है। दो बिहारी मजदूरों की हत्या की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ने ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संगठन ने गैर-कश्मीरी लोगों को घाटी छोड़ने की भी चेतावनी दी है।
रविवार को कश्मीर के कुलगाम में घर में घुसकर चरमपंथियों ने दो बिहार लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी थी जबकि एक को ज़ख्मी छोड़ गए थे। इससे पहले एक और बिहारी स्ट्रीट वेंडर और यूपी से कारपेंटर को चरमपंथियों ने मार दिया था।
मुख्यमंत्रि नीतिश कुमार ने मारे गए तीनों लोगों के परिजनों के लिए 2 लाख के मुआवज़े का ऐलान किया है। वहीं घाटी में रह रहे अप्रवासियों को कैंप में जाने की सलाब दी गई है।