28 जनवरी की बड़ी ख़बरें
कांग्रेस समेत 16 राजनीतिक दलों ने 29 जनवरी को संसद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि ‘संसद से कृषि बिलों को बिना विपक्ष के ही पास किया गया था। हम कल राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।’ राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार के एजेंडा और नीतियों का एक फ्रेमवर्क माना जाता है। ऐसा लगातार दूसरी बार है जब विपक्ष राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार कर रहा है। Read Here- कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर विपक्ष करेगा राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार
26 जनवरी को दिल्ली में जो कुछ हुआ, उसका गवाह सारा भारत बना। इतिहास बताता है कि जनभागीदारी वाले आंदोलन में अक्सर हिंसा हो जाती है और वो अपनी वैधता खो देता है।फिर, न सिर्फ सरकार के लिए आंदोलन का दमन करना आसान हो जाता है बल्कि समाज भी किनारा कर लेता है।
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उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस ने ज़िले के बड़ौत में बागपत-सहारनपुर हाइवे पर किसानों के प्रदर्शन स्थल को खाली करा दिया है। यहां 40 दिनों से किसान केन्द्र के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ धरने पर बैठे थे। पुलिस ने बुधवार रात प्रदर्शन स्थल पहुंचकर किसानों कें टेंट हटा दिए और कथित रूप से किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया।
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