गूगल ने डूडल बनाकर इस महान शख्सियत को दिया है सम्मान
12 अक्टूबर 1864 में बंगाल के बाकरेगंज में जन्मी कामिनी रॉय का शनिवार को 155 वां जन्मदिन है. कामिनी रॉय जानी मानी बंगाली कवियत्री, समाजसेवी और शिक्षाविद् थी, जिन्होंने ब्रिटिश काल में संस्कृत में ग्रेजुएश किया था। कोलकाता के बेथुन कॉलेज में उन्होंने 1886 में बीए ऑनर्स किया और फिर वहीं पढ़ाने लगी थी.
उन्होंने पहली बार 1926 में महिलाओं को बंगाली लेगिसलेटिव काउंसिल में वोट दिलाने की लड़ाई में हिस्सा लिया था और इसके बाद महिलाओं को वोट डालने का अधिकार मिला। 1909 में जब उनके पति का देहांत हो गया वो तात्कालीन दक्षिण बिहार जो अब झारखंड के हजारीबाग है, वहां चली आई। यहीं साल 1933 में कामिनी रॉय का निधन हो गया।