Fuel Price Analysis: 2016 के मुक़ाबले आप 50-55 फीसदी महंगा ख़रीद रहे पेट्रोल
देश में कच्चे तेल के उत्पादन में पिछले चार सालों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसका मतलब है कि भारत तेल के इंपोर्ट पर ही ज़्यादा निर्भर हो गया है और यही वजह है कि देश में पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही है। मसलन अगर भारत अपने कच्चे तेल के उत्पादन को घटाने की बजाय बढ़ाता तो देशवासियों को सस्ते में पेट्रोल मिल सकता था।
आंकड़े बताते हैं कि सरकारी पेट्रोलियम कंपनी ओएनजीसी- ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन अपने कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती कर रहा है। साल 2016 में जहां ओएनजीसी का कच्चे तेल का उत्पादन 22.25 मिलियन टन पर था वो अब सालाना 20.27 मिलियन टन पर आ गया है।
इस दरमियान साल 2017-18 में ओएनजीसी ने 22.3 मिलियन टन, 2018-19 में 21.11 मिलियन टन और 2019-20 के दौरान 20.71 मिलियन टन कच्चे तेल का उत्पादन किया। इस दौरान अगर हम देखें तो पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें लगातार बढ़ी है।
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