‘एमएसपी लूट कैलकुलेटर’: 'एमएसपी नहीं मिलने से किसानों को सैकड़ों करोड़ का नुक़सान'
एमएसपी पर क़ानून और कृषि से जुड़े तीनों ‘विवादित क़ानूनों’ की वापसी की मांग को लेकर किसान चार महीने से भी ज़्यादा वक्त से आंदोलन पर हैं। इस बीच केन्द्र की मोदी सरकार लगातार यह दावे करती रही है कि किसानों को उनके पैदावार का पूरा दाम दिया जा रहा है। सरकार के इन्हीं दावों के फैक्ट चेक के लिए किसान संगठनों ने एक ‘एमएसपी लूट कैलकुलेटर’ लॉन्च किया था। इसके माध्यम से किसानों का दावा है कि मार्च महीने में एमएसपी से कम दाम पर खरीद की वजह से किसानों को भारी नुक़सान हुआ है।
जय किसान आंदोलन की इस नई पहल के मुताबिक़ पिछले महीने सबसे ज़्यादा नुक़सान मध्य प्रदेश के किसानों को झेलनी पड़ी। अलग-अलग फसलों के एमएसपी से कम दाम पर बिक्री की वजह से राज्य के किसानों को 226 करोड़ रूपये से ज़्यादा का नुक़सान हुआ। मार्च महीने में राज्य के ज्वार किसान अपनी फसल 1,292 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बेचने को मज़बूर हुए। जबकि केन्द्र की तरफ से तय एमएसपी के तहत किसानों को प्रति क्विंटल 2,520 रूपये मिलनी चाहिए। यानि ज्वार की फसल पर किसानों को प्रति क्विंटल 1,328 रूपये का नुक़सान उठाना पड़ा।