मराठों को 'आर्थिक-सामाजिक पिछड़ेपन' के आधार पर आरक्षण 'असंवैधानिक': सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को अंसवैधानिक क़रार दिया है। यह आरक्षण आर्थिक और सामाजिक दृ्ष्टि से कथित पिछड़ेपन के आधार पर दिया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा तय करने वाले फैसले पर फिर से विचार करने की ज़रूरत नहीं है, मराठा आरक्षण, आरक्षण के 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है।
कोर्ट ने कहा, 'मराठा समुदाय के लोगों को रिजर्वेशन देने के लिए उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ा वर्ग नहीं कहा जा सकता। मराठा रिजर्वेशन लागू करते वक्त 50 फीसदी की लिमिट को तोड़ने का कोई संवैधानिक आधार नहीं था।'