प्रधानमंत्री के केयर फंड से जारी 2000 करोड़ में कितने वेंटिलेटर, बेड खरीदे गए ?
आरोप लग रहे हैं कि केन्द्र की मोदी सरकार की ग़लतियों की वजह से देश के अस्पतालों में वेंटिलेटर और बेड की किल्लत हो रही है। इसके साथ ही एक बार फिर प्रधानमंत्री केयर फंड सवालों के घेरे में आ गया है। कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान बनाए गए इस केयर फंड से बेड और वेंटिलेटर खरीदने के लिए प्रधानमंत्री की तरफ से फंड जारी किए गए थे। लेकिन एक साल बाद भी अस्पतालों में उन पैसों से बेड या वेंटिलेटर नहीं पहुंच सके हैं और पहुंचे भी हैं तो उनमें कई खामियां हैं या स्टाफ की कमी से इस्तेमाल नहीं हो पा रहे हैं।
बीबीसी हिंदी ने प्रधानमंत्री द्वारा जारी फंड और उनसे कितने बेड, वेंटीलेटर अस्पतलों में पहुंचे इसको लेकर पड़ताल की है, जिसमें यह खुलासा हुआ है। मसलन पिछले साल जून महीने में प्रधानमंत्री ने केयर फंड से 50 हज़ार मेड इन इंडिया वेंटिलेटर की ख़रीद के लिए 2000 करोड़ रूपये जारी किए थे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कई कंपनियों को टेंडर दिए गए थे और कंपनियों को इसके लिए भुगतान भी किया गया था, इसके बावजूद अस्पतालों में पूरे वेंटिलेटर नहीं पहुंच सके। समस्या यह भी है कि कई जगह अस्पतालों में वेंटिलेटर तो लगाए गए हैं लेकिन डॉक्टरों को उनके इस्तेमाल की ट्रेनिंग नहीं दी गई। यह समस्या बिहार के कई अस्पतालों में देखी गई है। आसान भाषा में कहें तो कोरोना की पहली लहर का असर कुछ कम होने के बाद बड़े पैमाने पर वेंटिलेटर बनाने में ढील दी गई।