DDU-GKY योजनाः 29 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य कहां तक पहुंचा ?
2014 में सत्ता में आने पर मोदी सरकार ने ग्रामीण इलाकों और इसमें रहने वाली जनता के विकास के वादे के साथ कई योजनाएं शुरू की थी। इनमें बड़े लक्ष्य निर्धारित किए गए थे लेकिन ये योजनाएं अब अपने लक्ष्यों से पिछड़ती दिख रही है। ऐसी ही एक योजना दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना है जिसे केंद्र सरकार ने सितंबर 2014 में शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल सिखा कर उन्हें रोज़गार दिलाना था।
सरकार ने योजना के तहत मार्च 2022 तक 28,82,677 युवाओं को ट्रेन कर रोज़गार दिलाने का लक्ष्य रखा है हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि जून 2021 तक योजना के तहत सिर्फ 10,89,445 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है जबकि सिर्फ 7,03,618 लोगों को ही किसी तरह का काम दिलाया गया है। ये आंकड़े ग्रामीण विकास मंत्रालय के नए राज्य मंत्री गिरीराज सिंह द्वारा लोक सभा में एक सवाल के जवाब से लिए गए हैं।
पिछले एक साल में योजना के तहत ट्रेन किए गए युवाओं और उन्हें रोज़गार दिलाने के प्रतिशत में भारी गिरावट हुई है इसके बावजूद कि लॉकडाउन के चलते बड़ी संख्या में शहरों में काम करने वाले युवा अपने घरों को लौटे थे और वह इस अवधि में काम के लिए उपबल्ध थे।