GoReport: महामारी में सार्वजनिक प्रशासन पर केन्द्र ने कम ख़र्च किया
केन्द्र की मोदी सरकार ने महामारी के दौरान पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यक्तिगत सेवाओं पर अपने ख़र्च में लगातार कटौती की है। नेश्नल स्टेटिस्टिकल ऑफिस द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में वित्त वर्ष 2020-21 के चौथी तिमाही के मुक़ाबले सार्वजनिक प्रशासन समेत अन्य सेवाओं पर अपने ख़र्च में 19.3 फीसदी की कटौती की।
ग़ौरतलब है कि यह वो दौर था जब देश महामारी की दूसरी लहर से त्रस्त था। यानि ऐसे दौर में केन्द्र ने अपना ख़र्च बढ़ाने की बजाय कम किया है। मसलन सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 379,205 करोड़ रूपये ख़र्च किए। जबकि वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में सरकार का सार्वजनिक प्रशासन समेत अन्य सेवाओं पर ख़र्च 469,945 करोड़ रूपये रहा था।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब महामारी में सरकार ने ज़रूरी सेवाओं पर अपना ख़र्च कम किया है। वित्त वर्ष 2020-21 यानि महामारी के दौरान सार्वजनिक प्रशासन समेत अन्य सेवाओं पर अपने ख़र्च में 10.2 फीसदी की कटौती की थी। जबकि यह वो दौर था जब सरकार को अपना ख़र्च बढ़ाने की ज़रूरत थी।
नेश्नल स्टेटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा 31 मई 2021 को जारी आंकड़ों में बताया गया है कि इस दौरान सार्वजनिक प्रशासन समेत अन्य सेवाओं पर केन्द्र का ख़र्च 358,373 करोड़ रूपये रहा था जो वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 399,148 करोड़ के मुक़ाबले 10 फीसदी से ज़्यादा कम है। आंकड़ों पर ग़ौर करें तो पता चलता है कि पूरी महामारी के दौरान केन्द्र ने पहले के मुक़ाबले कम ख़र्च किया है।