महामारी में बढ़े अपराध, हर एक लाख में 487 लोगों पर आपराधिक मामले: NCRB
भारत में महामारी के दौरान अपराध में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। महामारी के दौरान देश में पिछले साल के मुक़ाबेल अपराध में 28 फीसदी का इज़ाफा देखा गया है। यह जानकारी नेश्नल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपनी नई रिपोर्ट में दी है। अपराध दर यानि एक लाख लोगों पर अपराधों की संख्या में भी इज़ाफा हुआ है। 2020 में यह 385.5 से बढ़कर 487.8 पर पहुंच गया है।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अपराध और विशेष और स्थानीय कानून के तहत बीते साल 66,01,285 अपराध के मामले दर्ज हुए जबकि 2019 में दर्ज हुए अपराधों का आंकड़ा 51,56,158 था। आंकड़ों पर नज़र डालने से पता चलता है कि बीते साल महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन ने भारत में अपराधों पर प्रभाव डाला है। 2020 में लोक सेवकों द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा के लिए धारा 188 के तहत और ‘दूसरे आईपीसी अपराधों’ की संख्या सबसे ज़्यादा बढ़ी है।
इस श्रेणी में अपराध 2019 में क्रमशः 24,469 और 2,52,268 से बढ़कर 2020 में 6,12,179 और 10,62,399 हो गए हैं। इसी तरह विशेष और स्थानीय कानून के तहत दर्ज मामलों का प्रतिशत 2020 में 21.6 तक बढ़ गया है। इसमें भी अधिकतर मामले ‘states local acts’ के तहत दर्ज किए गए हैं।