कोरोना टीकाकरण: न टीका चुनने की आज़ादी और न यह तय कि कौन उठायेगा ख़र्च !
भारत में कोरोना टीकाकरण का पहला फेज 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों को सबसे पहले वैक्सीन लगायी जायेगी। सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। ध्यान रहे, टीकाकरण का पहला चरण केंद्र सरकार अपने ख़ज़ाने से चला रही है और इसमें राज्य सरकार से कोई फंड नहीं लिया गया है, लेकिन अभी तक यह साफ़ नहीं है कि जब आम लोगों के टीकाकरण की बात आयेगी तो आखिर केंद्र और राज्य में कौन कितना पैसा खर्च करेगा।
केंद्र सरकार कोविशील्ड वैक्सीन की 1.10 करोड़ टीके 200 रुपए प्रति खुराक की लागत से खरीद रही है। इसपर टैक्स अलग से लगेगा। हालाँकि, यह रियायती दर है वरना अन्य देशों और प्राइवेट खरीदारों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 400 प्रति खुराक से अधिक होगी ।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को हमेशा ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशिल्ड के रूप में जाना जाता है, की तुलना में सस्ता कहा जाता था लेकिन केंद्र सरकार के लिए कीमत में बहुत अंतर नहीं है। केंद्र कोवैक्सीन की 38.5 लाख ख़ुराक़ 295 रुपये की दर से खरीद रहा है। वैसे भारत बायोटेक केंद्र को 16.5 लाख खुराक मुफ्त भी प्रदान कर रहा है, ऐसे में प्रति खुराक की कीमत पहुँच जाती है 206 रुपए पर।भारत बायोटेक ने पहले कहा था कि उसकी कीमत दूसरी वैक्सीन के बराबर ही होगी। इसलिए, यह उम्मीद की जा सकती है कि कोवैक्सीन की एक खुराक की कीमत लगभग 295 रुपए ही होगी। फिलहाल राज्यों और जिन्हें पहले चरण में वैक्सीन लगनी है, वे यह नहीं चुन सकते कि उन्हें कौन सा टीका मिले।