किसान क्यों ज़रूरी है -- उनकी क्या ज़रूरतें हैं ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 19 नवंबर 2021 को तीन “किसान विरोधी” कृषि क़ानूनों को वापस लेने के अपने फैसले का ऐलान किया। इन क़ानूनों को वापस लिए जाने और एमएसपी पर क़ानूनी प्रावधान करने की मांग पर किसान एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संबोधन में कैमरे के सामने देश से माफी मांगी और कहा कि सरकार किसानों को अपनी बात समझा पाने में विफल रही।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 18 मिनट के संबोधन में आंदोलन के दरमियान मारे गए किसानों के बारे में कोई बात नहीं की और इसका कोई ज़िक्र नहीं किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने एमएसपी को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की जिससे किसान खुशी के साथ नाराज़ भी हैं। किसानों का कहना है कि वे एमएसपी की मांग पर अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र के फैसले पर कहा कि यह सिर्फ शुरूआत है और जब तक कानून संसद में रद्द नहीं हो जाते, किसान अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे। किसान नेता दर्शन पाल ने भी कानूनों के रद्द होने पर किसानों को बधाई दी लेकिन यह भी कहा कि MSP पर कानून बनने तक वह अपनी लड़ाई लड़चे रहेंगे।
अब प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद संभावना है कि इस साल के ख़त्म होने से पहले तीनों कृषि कानूनों को औपचारिक तौर पर रद्द कर दिया जाएगा।