भारत में पत्रकारों के हत्यारों को सज़ा नहीं; 80 फीसदी केस अनसुलझे

by GoNews Desk Oct 29, 2021 • 09:09 AM Views 1504

भारत में बीते कुछ सालों से पत्रकार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। 2017 में प्रतिष्ठित पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद भारत की अंतराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई थी जबकि बीत महीनों प्रतापगढ़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की शराब माफिया द्वारा हत्या पर देशभर के पत्रकारों का गुस्स फूटा था। अब हाल ही में आई एक रिपोर्ट में पता चला है कि भारत पत्रकारों की हत्या करने वाले आरोपियों को सज़ा देने में भी काफी पीछे है।

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट नाम की अंतराष्ट्रीय संस्था की जारी  ग्लोबल इंप्युनिटी इंडेक्स 2021 के मुताबिक भारत उन 12 देशों में से एक है जहा पत्रकारों की हत्या के बाद अपराधी खुले आम घूमते हैं जबकि देश में बीते 10 सालों में पत्रकारों की हत्या के 80 फीसदी से ज़्यादा मामलों में किसी को भी आरोपी नहीं ठहराया गया है।  सीपीजे एक गैर लाभकरी संगठऩ है जो हर साल ग्लोबल इंप्युनिटी सूचकांक तैयार करता है।

इसके तहत ऐसे देशों में आबादी के प्रतिशत के आधार पर पत्रकारों की हत्या के अनसुलझे मामलों की गणना की जाती है। इस इंडेक्स में सिर्फ उन देशों को शामिल किया जाता हैं जहां 5 से ज़्यादा पत्रकारों की हत्या के मामले अनसुलझे रहे हैं।