चार गुना ज़्यादा अमीर है पंजाब का किसान, लेकिन कृषि विकास दर में बिहार आगे
देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच दो कृषि आधारित राज्यों पर चर्चा गर्म है। एक है बिहार और दूसरा पंजाब। पंजाब के किसानो का आरोप है कि जैसे बिहार में 2006 में APMC यानि सरकारी कृषि मंडिया ख़त्म की गई, वैसे ही पंजाब में भी सरकार नए कृषि कानूनों द्वारा सरकारी मंडी ख़त्म करना चाहती है। आज की तारीख में पंजाब का किसान बिहारी किसान से लगभग 4 गुना अमीर है और इसका बड़ा कारण है पंजाब में उगी फसलों पर मिलने वाला एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य। देश में सबसे ज्यादा एमएसपी पर खरीद पंजाब, फिर हरियाणा और उसके बाद मध्य प्रदेश में होती है।
लोकसभा में दिये गये आँकड़े बताते हैं कि देश में सब से कम आमदनी बिहार के किसानों की है, जो साल में केवल 45 हज़ार 317 रुपए ही कमाता है। जबकि सबसे ज़्यादा कमाई पंजाब और हरियाणा के किसानों की है जो इस आंदोलन में सबसे आगे हैं। पंजाब का एक किसान सालाना औसतन 2 लाख 30 हज़ार 905 रुपए कमाता है। पंजाब के किसानों को डर है कि कहीं उनकी हालत भी बिहार के किसानों जैसी न हो जाये।
लेकिन एक सच यह भी है कि कृषि विकास दर में बिहार के आगे पंजाब कहीं नहीं ठहरता। मसलन 2005-06 से लेकर 2014-15 में, बिहार की कृषि विकास दर 4.7 प्रतिशत थी, जबकि भारत की कृषि में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यानि कृषि में बिहार से तेज़ ग्रोथ देखने को मिली। पिछले पांच वर्षों में भारत की कृषि विकास दर 2 प्रतिशत रही जबकि बिहार की कृषि विकास दर 7 प्रतिशत रही । इसके विपरीत पंजाब में कृषि अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमे होने लगी है।