27 नवंबर को आगे की रणनीति पर मीटिंग: संयुक्त किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी लंबित मांगों के लिए खुला चिट्ठी भेजने का फैसला किया और कहा कि किसान 29 नवंबर को संसद तक अपने नियोजित मार्च के साथ आगे बढ़ेंगे, और पहले से तय कार्यक्रम वैसे ही जारी रहेंगे। 29 नवमंबर को किसान आंदोलन को एक साल पूरे हो रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की बैठक में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी सहित अगली कार्रवाई पर फैसला किया गया, जो उनकी लंबित मांगों में से एक है।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के मुताबिक़ कि मोर्चे के नेता 27 नवंबर को एक और बैठक करेंगे। यह बैठक 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले होगी और बकौल प्रधानमंत्री इस दौरान कृषि कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।
मोर्चे की मीटिंग के बाद किसान एकता मोर्चे पर एक युवा किसान नेता ने बताया, "हमने कृषि कानूनों को निरस्त करने पर चर्चा की। इसके बाद कुछ निर्णय लिए गए। लखनऊ किसान महापंचायत कल यानि 22 नवंबर को होगी।" 26 नवंबर को किसानों के पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक़ वे दिल्ली कूच करेंगे और संसद पर जारी प्ररदर्शन करेंगे।