मोदी की उज्जवला योजना की वजह से पेट्रोलियम कंपनियों को 4000 करोड़ के नुक़सान की आशंका
मोदी सरकार की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में एक उज्जवला योजना से देश की रसोई गैस कंपनियों को भारी नुक़सान होने की आशंका है। इनमें इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियां शामिल हैं। योजना की शुरुआत में 50-50 फॉर्म्यूले पर हुई थी।
यानि गैस कनेक्शन के लिए 50 फीसदी की मदद केन्द्र सरकार द्वारा मिलनी थी और 50 फीसदी इन कंपनियों द्वारा लाभार्थियों को लोन के तौर पर दिया जाना था। आगे यह तय हुआ कि गैस कनेक्शन लेने वाले लाभार्थियों को सब्सिडी के तौर पर मिलने वाली रक़म से तय समय में कंपनियां अपना लोन रिकवर कर लेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
लाभार्थियों ने गैस कनेक्शन तो ले लिए और इस योजना के तहत भारी संख्या में गैस कनेक्शन बांटे भी गए, लेकिन अब जब लोगों के पास पैसे नहीं हैं तो वे सिलिंडर रिफिल नहीं करा पा रहे हैं और इसका नुक़सान कंपनियों को उठाना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ कंपनियों को 4000 करोड़ रूपये तक के नुक़सान हो सकता है।