पार्टी लाइन के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं कर सकते मतदान : पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट
पाकिस्तान संसद में इमरान खान सरकार के ख़िलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो रही है। इससे पहले इमरान खान ने संसद भंग करने का ऐलान कर चुनाव कराने का आह्वान किया था। इसके बाद विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था जहां कोर्ट ने इमरान खान के संसद भंग करने के फैसले को असंवैधानिक माना था।
पाक सुप्रीम कोर्ट ने संसद के स्पीकर को सत्र आयोजित करने का निर्देश दिया था। इमरान खान इस बीच पाकिस्तान की जनता के सामने उनकी सरकार गिराने के लिए विदेशी ताकतों पर आरोप लगा रहे हैं।
पहले क्या हुआ ?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी ख़तरे में है और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव 8 मार्च को पेश किया जा चुका है। इस अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को वोटिंग की उम्मीद है। इससे पहले इमरान खान ने कहा था कि वो विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का डंटकर सामना करेंगे।
इमरान खान के लिए मुश्किलें तब और बढ़ गई थी जब उनके ही सांसदों ने उनके ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने की चेतावनी दी थी। साथ ही उनकी पार्टी के सहयोगी दलों ने भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने की धमकी दी थी और इमरान खान के नेतृत्व में देश में आर्थिक हालात बिगड़ने का आरोप लगाया था।
अब माना जा रहा है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए एक महत्वपूर्ण फैसले से इमरान खान को थोड़ी राहत ज़रूर मिल सकती है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की कि कोई भी सांसद पार्टी लाइन के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 95(ii) के हवाले से कहा कि पार्टी के एक सदस्य के ‘व्यक्तिगत वोट’ के कोई मायने नहीं हैं, अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित मामले में कोई भी पार्टी के सदस्य अपनी सरकार के ख़िलाफ़ वोट नहीं कर सकते। कोर्ट ने साथ ही बताया कि ऐसा ही पूर्व प्रधानमंत्रियों बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ से संबंधित मामलों में भी किया गया था।
कोर्ट का कहना है कि एक राजनीतिक दल में शामिल होने के बाद, एक सदस्य के वोट को "सामूहिक" अधिकार माना जाता है।
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