कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में गर्भपात दर 3 गुना ज़्यादा : Report
रोना संक्रमण ने अलग अलग स्थितियों से गुज़र रहे लोगों पर अलग अलग प्रभाव डाले हैं।भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एक स्टडी बताती है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में पहली लहर के मुकाबले तीन गुना ज़्यादा गर्भपात हुए। ICMR के इस शोध में 1,630 कोरोना संक्रमित महिलाओं का अध्ययन किया गया।
इन महिलाओं का 1 अप्रैल 2020 से 4 जुलाई 2021 के बीच मुंबई स्थित बी.वाई.एल. नायर चैरिटेबल अस्पताल में ‘सहज गर्भपात’ हुआ था। स्टडी में गर्भपात के लिए ‘सहज गर्भपात’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है यानि ऐसा गर्भपात जो गर्भधारण के 20 हफ्ते से पहले हुआ हो या फिर 500 ग्राम से कम वज़न वाले भ्रूण का जन्म।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रति 1000 महिलाओं पर सहज गर्भपात की दर 82.6 से ज़्यादा थी जबकि कोविड की पहली लहर के दौरान यह दर 26.7 थी। अध्ययन यह भी बताता है कि प्री-पेंडमिक एरा (2017-18) यानि महामारी से पहले भी अगस्त से जनवरी की तुलना में फरवरी से जुलाई की अवधि के दौरान अधिक गर्भपात होते रहे जबकि महामारी की दूसरी लहर के दौरान फरवरी-जुलाई 2021 के बीच सहज गर्भपात की दर में और ज़्यादा बढ़ोतरी हुई।