अमेरिकी चुनाव 2020: महामारी और अर्थव्यवस्था पर नस्लीय विभाजन
अमेरिकी राष्ट्रपचि चुनाव को बमुश्किल 70 दिन रह गए हैं। इस बीच दोनों डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी के नेता अपनी चुनावी सभाओं में जुटे हैं। आर्थिक लिहाज़ से अमेरिका की हालत ख़राब है और अब महामारी की वजह से देश में उथल-पुथल मची है। कमज़ोर होती अर्थव्यवस्था और महामारी की वजह से राष्ट्रपति ट्रंप की लोकप्रियता को भी धक्का लगा है। राष्ट्रपति ट्रंप अपने चुनावी सभा में बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते भी नज़र आ रहे हैं।
कोरोना महामारी की वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर हैं। देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में -31.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। ऐसा पहली बार है जब राष्ट्रपति चुनाव से पहले देश की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट देखी जा रही है।
डॉनल्ड ट्रंप ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जिनके कार्यकाल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत बदतर हुई है। कहा जाता है कि राष्ट्रपति ट्रंप को एक मज़बूत अर्थव्यवस्था विरासत में मिली और उसे उन्होंने ध्वस्त कर दिया। आंकड़े देखें तो पता चलता है कि साल 2007 के वित्तीय संकट के बाद अर्थव्यवस्था का ग्राफ नीचे चला गया था। हालांकि देश की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर आई जब बराक ओबामा राष्ट्रपति बने।
अगर अमेरिकी सत्ता का इतिहास देखें तो मालूम पड़ता है कि पिछले 96 सालों में आर्थिक मंदी के बाद कोई भी राष्ट्रपति दुबारा निर्वाचित नहीं हुआ है।
देखिए गोन्यूज़ के एडिटर इन-चीफ पंकज पचौरी द्वारा किए गए अमेरिकी चुनाव से पहले देश की अर्थव्यवस्था और देश पर पड़ी कोरोना की मार का विश्लेषण।