पर्यावरण बचाने के लिए धर्म और धर्मगुरुओं की शरण में संयुक्त राष्ट्र
जलवायु परिवर्तन इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए लोगों को जागरूक करना ज़रूरी है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस मामले में धर्म और धर्मगुरुओं की मदद लेने का फ़ैसला किया है।
दरअसल, युनाइटेड नेशंस ने एन्वायरमेंट प्रोग्राम के तहत ‘फेथ फॉर अर्थ’ अभियान शुरू किया है। इसका मकसद दुनियाभर के धार्मिक संगठनों, धर्मगुरुओं और आध्यात्मिक नेताओं की मदद से 2030 तक धरती के 30% हिस्से को प्राकृतिक परिस्थिति में बदलने का लक्ष्य है।
इस कार्यक्रम के निदेशक डॉ. इयाद अबु मोगली कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन मानव समाज के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। इसके बावजूद अभी तक दुनिया की ज्यादातर आबादी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील नहीं हो पाई है। जलवायु परिवर्तन रोकने के तमाम प्रयासों के निष्कर्ष से हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि सिर्फ धर्म में ही वह शक्ति है जो दुनिया की बड़ी आबादी को पर्यावरण योद्धा बना सकता है।