अमेरिका: स्वामीनारायण मंदिर पर निर्माण के लिए दलितों से बंधुआ मज़दूरी कराने और मानव तस्करी का लगा आरोप
अमेरिका में भारतीय श्रमिकों के एक समूह ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के ख़िलाफ़ एक ज़िला अदालत में मुकदमा दर्ज कराके उस पर न्यूजर्सी में एक विशाल हिंदू मंदिर के निर्माण के दौरान मानव तस्करी करने और न्यूनतम मज़दूरी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। श्रमिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बंद करके रखा गया और न्यूजर्सी में स्वामीनारायण मंदिर बनाने के लिए प्रतिघंटा करीब एक डॉलर पर काम करने के लिए मजबूर किया गया, जबकि अमेरिका में न्यूनतम वेतन 7.25 डॉलर प्रति घंटा तय किया गया है।
‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी ख़बर में बताया गया कि 200 से अधिक भारतीय नागरिक धार्मिक ‘आर-1 वीजा’ पर 2018 से अमेरिका में लाने शुरू किए गए हैं। ख़बर में बताया गया कि इन लोगों से ‘न्यूजर्सी निर्माण स्थल पर अकसर खतरनाक परिस्थितियों में कई घंटे’ काम कराया जाता था।
यहां काम कर रहे श्रमिकों के वकीलों ने दायर एक मुकदमे में कहा कि बीएपीएस, एक हिंदू संप्रदाय है। इस संस्था का भारत के सत्तारूढ़ दल से घनिष्ठ संबंध है। इसने दुनिया भर में मंदिरों का निर्माण किया है और संभवत: वर्षों की निर्माण परियोजना के दौरान सैकड़ों निम्न-जाति के पुरुषों का शोषण किया गया था।