कोरोना महामारी से दुनियाभर में 332 मिलियन बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ख़तरा: UNICEF
कोरोना महामारी और उसकी वजह से हुए लॉकडाउन से तरह-तरह की समस्याएं पैदा हुई है। बच्चों के लिए काम करने वाली युनाइटेड नेशन की संस्था यूनिसेफ ने अपनी एक रिपोर्ट में लॉकडाउन में रहने की वजह से बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉकडाउन से हर सात में एक बच्चा और दुनियाभर में करीब 332 मिलियन बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरे पैदा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ दुनियाभर में 139 मिलियन बच्चे लगातार कम से कम नौ महीने तक अपने घर में बंद रहे। इनके अलावा 193 मिलियन बच्चों को आंशिक तौर पर लॉकडाउन में रहना पड़ा। यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा, ‘देशव्यापी तालाबंदी और महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के साथ, हम सभी के लिए यह एक लंबा साल रहा लेकिन ख़ासतौर पर बच्चों के लिए। इसमें भी घर में अगर आप किसी एब्यूज़र के साथ फंसे हों तो इसका प्रभाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।’
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में, अनुमानित 50 मिलियन बच्चे महामारी से पहले भी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित थे। जैसे-जैसे महामारी फैली, इसका प्रकोप न सिर्फ आर्थिक स्थिति पर बल्कि भारत में बच्चों के स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ा।