‘म्यांमार के लोगों को भारत में शरण नहीं’ गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया
म्यांमार में दो महीने बाद भी लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी है। अलग-अलग प्रदर्शनों में अबतक करीब 500 प्रदर्शनाकारी मारे गए हैं। म्यांमार में सेना की ज़्यादतियों से बचने के लिए लोग अपने पड़ोसी देशों की ओर रूख कर रहे हैं। बड़ी संख्या में म्यांमार के निवासी भारत और थाइलैंड समेत कई देशों में शरण लेने पहुंच रहे हैं।
हालांकि म्यांमार के कितने लोगों ने अबतक भारत में शरण ली है इसका आंकड़ा बता पाना फिलहाल मुश्किल है। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि भारत के सीमावर्ती राज्यों नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश में म्यांमार से करीब 700 लोगों ने आकर शरण ली है। हालांकि अब भारत सरकार ने इनपर रोक लगाना शुरु कर दिया है। नागालैंड, मिज़ोरम और अरूणाचल प्रदेश सरकार को गृह मंत्रालय ने एक चिट्ठी लिखकर इन्हें शरण ना देने की बात कही।
10 मार्च को गृह मंत्रालय की तरफ से इन राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेश के सचिवों को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया था कि म्यांमार से भागकर आ रहे लोगों को शरणार्थी का दर्जा ना दिया जाए। भारत सरकार की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि, ‘म्यांमार से लोगों का भारत की सीमा में ‘अवैध’ प्रवेश शुरू हो गया है और राज्यों को ऐसे लोगों को शरणार्थियों का दर्जा नहीं देना चाहिए।’ इनके अलावा केन्द्र ने म्यांमार से आए शरणार्थियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर करने के आदेश दिए हैं।