30 साल में सातवीं बार बदला जा रहा हैं अफ़ग़ानिस्तान का झंडा
अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़े के बाद तालिबान राष्ट्रीय ध्वज को बदलने की कोशिश में है जिसका देशभर में विरोध हो रहा है। तालिबान विरोधी प्रदर्शन के दौरान पूर्वी शहर जलालाबाद में कम से कम तीन लोगों की जानें गई हैं।
अफ़ग़ान ध्वज हटाने से कम से कम दो शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालाकि यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान का झंडा बदला जा रहा है।
सोवियत संघ के जाने के तीन साल बाद, 1992 में अहमद शाह मसूद के मुजाहिदीन ने काबुल पर क़ब्ज़ा कर लिया था। जून में, बुरहानुद्दीन रब्बानी एक इस्लामिक राष्ट्र के राष्ट्रपति बने। उन्होंने दिसंबर 1992 में देश का झंडा बदल दिया।