'कोरोना वायरस' कितना ख़तरनाक?
दुनिया के 26 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस से अबतक 34,000 लोग प्रभावित हो चुके हैं जिनमें 717 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस जानलेवा वायरस का संक्रमण बेहद तेज़ी से फैलता है और इससे संक्रमित मरीज़ कम से कम दो या तीन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ कोरोना वायरस के संक्रमण में आए लोगों की मृत्यु दर 2-3 फीसदी है। यानि इस वायरस की चपेट में आए 2-3 फीसदी लोगों की मौत हो सकती है। दावा यह भी किया जा रहा है कि इस वायरस संक्रमित तक़रीबन 1500 मरीज़ों को बचाया भी जा चुका है. जानलेवा वायरस के संक्रमण का ख़तरा और उससे निबटने की चुनौती नई नहीं है.
- साल 2000 में एसएआरएस वायरस ने 29 देशों में कोहराम मचाया था. तब इसकी चपेट में आने वाले 8000 लोगों में से 774 लोगों की मौत हो गई थी. इस ख़तरनाक वायरस मृत्यु दर तब 10 फीसदी आंकी गई थी।
- साल 2012 में फैले एमईआरएस वायरस की चपेट में 28 देश आए थे। इससे संक्रमित 2,494 लोगों में से 858 लोगों की मौत हो गई थी. इस वायरस की मृत्यु दर 34.4 फीसदी थी।
- साल 1998 के निपाह वायरस की मृत्यु दर 77.6 फीसदी थी जिसकी चपेट में 513 लोग आए थे और 398 लोगों की जान चली गई थी.
- वहीं ख़तरनाक इबोला वायरस की मृत्यु दर 40.4 फीसदी आंकी गई थी। 9 देशों में इबोला से संक्रमित 33,577 मामले सामने आए थे जिनमें से 13,562 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
अब कोरोना वायरस ने दुनिया में भूचाल पैदा कर रखा है. इसकी चपेट में आने वाले ज़्यादातर लोग 49-56 साल की उम्र के हैं जबकि चीन में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले 80 फीसदी लोग 60 साल की उम्र के हैं। WHO के मुताबिक़ चीन में 14 फीसदी मामले ख़तरनाक श्रेणी में हैं। दुनियाभर में जानलेवा नुकसान का सबब बने इन वायरसों के फैलने और उससे निबटने का कारण वैज्ञानिकों ने खोज लिया था लेकिन कोरोना वायरस की काट क्या है, इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है.