नवंबर में सबसे ‘ज़हरीली’ होती है दिल्ली की हवा
राजधानी दिल्ली में 1-15 नवंबर के पखवाड़े में हवा सबसे ज़्यादा प्रदूषित या फिर यू कहें कि ज़हरीली होती है। दिल्ली सरकार का पिछले पांच सालों में PM2.5 कणों का किया विश्लेषण बताता है कि 1-15 नवंबर के बीच दिल्ली में पीएम2.5 कणों का औसतन स्तर 285 एमजीसीएम को छू जाता है, जिसका मतलब यह हुआ कि इस अवधि में राजधानी की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में आ जाती है।
क्या होते हैं PM2.5 कण?
जानकारों के मुताबिक पीएम-10 और पीएम2.5 प्रदूषण फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। पीएम 2.5 हवा में घुल जाने वाले छोटे कण होते हैं। इनकी चौड़ाई 2.5 माइक्रोमीटर होती है यानि कि आपके एक बाल की चौड़ाई का 40वां हिस्सा। यह कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें देख पाना नामुमकिन है औऱ यह कण सांस लेने के साथ फेंफड़ों में प्रवेश लेते हैं।
हवा में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने से ही धुंध बढ़ती है जबकि विजिबिलटी कम हो जाती है। जानकारों के मुताबिक पीएम 2.5 का स्तर 60 एमजीसीएम तक होना चाहिए, उसके बाद यह नुकसान देने लगता है जबकि दिल्ली में पिछले 5 सालों में अक्टूबर से लेकर फरवरी के महीने तक कभी भी पीएम 2.5 स्तर 60 MGCM नहीं रहा। इससे पता चलता है कि दिल्ली के लोग कैसे लगभग ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं।