शेयर बाज़ार में धूम के बावजूद धीमी है अर्थव्यवस्था, राजकोषीय घाटा 12.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान

by Rahul Gautam Jan 22, 2021 • 06:04 PM Views 835

देश में वायदा बाजार या स्टॉक बाजार तो 50 हज़ार अंक छूकर गुलज़ार है लेकिन अर्थव्यवस्था की हालत पतली है। सरकार भले ही ठीकरा लॉकडाउन पर फोड़े लेकिन सच्चाई यही है की देश आर्थिक मोर्चे पर पिछले 3 साल से लगातार फिसल रहा है। अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने अनुमान लगाया है की वित्त वर्ष 2020-21 में देश का राजकोषीय घाटा या फिस्कल डेफिसिट जीडीपी का 12.5 फीसदी हो जाएगा। ध्यान रहे, पिछले साल राजकोषीय घाटा जीडीपी का 7 फीसदी था। राजकोषीय घाटा सरकार की आमदनी और खर्च के बीच के फर्क को कहा जाता है और हर सरकार चाहती है इसे कम से कम रखा जाये।

आरबीआई ने जनवरी बुलेटिन में जानकारी दी है कि इस साल के पहले 6 महीने में घाटा 14.5 फीसदी और मार्च में ख़त्म होने वाली दूसरी छमाही में 10.4 फीसदी रहने की आशंका है। वैसे तो आर्थिक जानकारों के मुताबिक इस वक़्त सरकार को राजकोषीय घाटा की परवाह नहीं करते हुए ज्यादा से ज्यादा पैसा खर्च करना चाहिए ताकि लोगो के हाथ में पैसा आये और आर्थिक चक्का घूमे लेकिन, आंकड़े इसकी गवाही नहीं देते।

मसलन सरकार ने इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 7 लाख 26 हज़ार 278 करोड़ रुपए खर्च किये थे, जबकि दूसरी तिमाही यानि जुलाई -सितंबर तिमाही में यह आँकड़ा घटकर रह गया 5 लाख 61 हज़ार 812 करोड़ रुपए।अगर इसकी तुलना पिछले साल की जुलाई -सितंबर तिमाही से करें तो पता चलता है कि सरकार इस साल से ज्यादा पैसा तो पिछले साल खर्च कर रही थी। पिछले साल यही आँकड़ा था 6 लाख 85 हज़ार 212 करोड़ रुपए।