रिलायंस का मार्केट कैप 200 बिलियन डॉलर के पार, सरकारी कंपनियां पीछे छूटीं
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि देश भीषण वित्तीय संकट में फंस चुका है. इससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है. उनमें से एक है सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी को निजी कंपनियों के हाथों बेचने का फैसला. अब तक ऐसी 26 सरकारी कंपनियां हैं जिन्हें बेचने या विनिवेश की तैयारी चल रही है.
मगर बेचने और लगातार घाटे में चलने से सरकारी कंपनियों का मार्केट कैप लगातार कम हो रहा है और दशक के सबसे कम स्तर पर जा पहुंचा है. एक अनुमान के मुताबिक देश के स्टॉक बाज़ारों की कुल मार्केट कैप का केवल 4.6 फीसदी हिस्सा सरकारी कंपनियों के पास है.
यहां यह जानना ज़रूरी है कि ऐसी 76 सरकारी कंपनियां हैं जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी सरकार के पास है और उनका कुल मार्केट कैप 12.5 लाख करोड़ रुपए है. इसमें भी 42 फीसदी हिस्सेदारी केवल 5 कंपनियों स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, ओेएनजीसी, पावर ग्रिड कारपोरेशन, एनटीपीसी और बीपीसीएल की है.