अर्थनीति- चीन में सरकारी, भारत में निजी
भारतीय शेयर बाज़ार में कंपनियों के मूल्यांकन और उनके बाज़ार पूंजीकरण की वजह से रिकॉर्ड उछाल देखे जा रहे हैं। जून 2020 से शेयर बाज़ार में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है। जल्दबाज़ी में की गई लॉकडाउन की वजह से जीडीपी में 23 फीसदी की गिरावट आ गई थी बावजूद इसके शेयर बाज़ार में महीने-दर-महीने बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
ब्लूमबर्ग डेटा विश्लेषण के मुताबिक़, अगर बाज़ार सितंबर महीने में भी सकारात्मक रहता है, तो यह निवेशकों के लिए लगातार आठवां महीना होगा- जो 2007 के लाभ के दिनों के बाद से नहीं देखा गया है।
बाज़ार पर नज़र रखने वालों का अनुमान है कि पैसे की अघिकता की वजह से यह सकारात्मकता देखी जा रही है। पश्चिमी देशों द्वारा महामारी को क़ाबू करने और लॉकडाउन के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए 11 ट्रिलियन डॉलर की घोषणा भी बाज़ार में सकारात्मकता की वजह है। यह पैसा भारतीय बाज़ार में आ रहा है जहां विदेशी पूंजी या एफआईआई का निवेश जारी है।