एक तिहाई स्टॉक मार्केट सिर्फ़ दस हाथों में

by GoNews Desk Apr 02, 2021 • 08:22 AM Views 1798

कोरोना महामारी के पहले साल में देश की बड़ी कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन यानि स्कॉक बाज़ार में उनकी कीमत की बात करें तो पता चलता है कि कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का क़रीब 31% हिस्सा सिर्फ़ दस बड़ी कंपनियां के ही पास है जिससे साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस तरह अब मुनाफ़ा और पूँजी चंद हाथों तक सिमटकर रह गयी है।

कोरोना का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ा है, एक तरफ़ बेरोज़गारी दर बढ़ा है तो दूसरी तरफ़ ग़रीबी भी अपनी चरम सीमा पर पहुँच गई है। वहीं कोरोना संकट के दौर में देश की कई सेक्टरों को भारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हज़ारों कंपनियों ने अपनी मर्ज़ी से कारोबार बंद कर दिया है। पर इन सबसे अलग एक ऐसी भी तस्वीर है जिसे अगर देखें तो लगता है कि कोरोनाकाल से अगर चुनिंदा उद्योगपतियों को कुछ मिला है तो वो है बस मुनाफ़ा।

अगर पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले इस वित्त वर्ष की बात करें तो टॉप 10 कंपनियों की लिस्ट में शीर्ष पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. ही मौजूद है, वहीं दूसरे स्थान पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) उसके बाद एचडीएफसी बैंक लि. और फिर इन्फोसिस मौजूद है। पाँचवे स्थान पर हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. के बाद क्रमश: एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक लि., कोटक महिंद्रा बैंक लि., स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बजाज फाइनेंस लि. मौजूद हैं।

वहीं अगर इन कंपनियों के मार्केट कैप की तुलना पिछले वित्त वर्ष से की जाए तो साफ़ पता चलता है कि कोरोना काल में इन कंपनियों ने भारी वृद्धि की है। शीर्ष पर मौजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. के मार्केट कैप में पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 82.14% की बढ़त हुई है, वहीं ग़ौर करने वाली बात यह है कि 10वे स्थान पर मौजूद बजाज फाइनेंस लि. ने 134.69% के साथ सबसे ज़्यादा बढ़त दर्ज कराई है।