'व्हॉट्सएप' का मुकाबला करने उतरी भारतीय कंपनी 'हाइक' पर ताला लगा
गौरतलब है कि टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल और सॉफ्टबैंक की फंडिंग से शुरू हुआ हाइक मैसेंजर की साल 2016 में बाजार में कुल कीमत 1.4 बिलियन डॉलर थी

भारत में व्हाट्सप्प को टक्कर देने के लिए लॉंच हुए स्वदेशी प्लेटफार्म Hike ने सोमवार को दम तोड़ दिया। कंपनी ने घोषणा की है कि वह अपने मैसेजिंग ऐप को बंद देगा। इसके सूचना उपभोक्ताओं को नोटिफिकेशन के ज़रिये दे दी गई है।
गौरतलब है कि टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल और सॉफ्टबैंक की फंडिंग से शुरू हुआ हाइक मैसेंजर की साल 2016 में बाजार में कुल कीमत 1.4 बिलियन डॉलर थी। पूरी दुनिया में अमेरिका और चीन के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। ऐसे में जब व्हाट्सप्प को टक्कर देने की बात आई तो चीनी कंपनियाँ सामने आई। जब Hike ऐप बाजार में आया तो इसे सपोर्ट करने के लिए चीनी टेक दिग्गज Tencent भी साथ आयी थी। टेनसेंट ने Hike को तकनीकी मदद उपलब्ध करायी थी। इस स्टार्टअप को टेलीकॉम इंडस्ट्री के दिग्गज एयरटेल के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल के बेटे कविन भारती मित्तल ने शुरू किया था।
भले ही इस वक्त प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) को लेकर लोग WhatsApp को छोड़ रहे हों लेकिन एक समय था जब दुनिया के इस सबसे पॉपुलर ऐप से टक्कर लेने के लिए एक भारतीय कंपनी बाजार में उतरी थी जिसके दरवाजों पर अब ताला लग गया है। सोमवार को इस ऐप को गूगल समेत तमाम ऐप स्टोर्स (App Stores) से हटा लिया गया। इस महीने की शुरूआत में कवि मित्तल ने कहा था कि भारत के पास घरेलू मैसेंजर प्लेटफार्म तब तक नहीं होगा जब तक पश्चिमी कंपनियों के बड़े प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सप्प, सिग्नल, टेलीग्राम आदि को सरकार बैन नहीं करती। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सप्प का 'वैश्विक नेटवर्क प्रभाव बहुत मजबूत हैं'। मसलन भारत में व्हाट्सएप ने 45 करोड़ से ज्यादा यूजर है। एक तरफ भारतीय यूनिकॉर्न (एक बिलियन डॉलर से बड़ी कंपनी) फ़ेल हो रही हैं, वही अमेरिका की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियाँ जम कर चांदी काट रही है। आलम यह है कि हाल में ही एप्पल और फेसबुक, इन दोनों कंपनियों की मार्केट वैल्यू भारत की जीडीपी से ज्यादा हो गई है। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में नॉमिनल जीडीपी घटकर 194.82 लाख करोड़ रह जाएगी। अब अगर इसको डॉलर के हिसाब से देखे तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2.65 ट्रिलियन डॉलर तक सिमट जाएगी। बात करे एप्पल की तो उसकी टोटल वर्थ या कहें उसकी कुल क़ीमत 2.2 ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुकी है। इसी तरह फेसबुक 0.77 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है। अब इन दोनों की कुल कीमत को जोड़ा जाये तो आंकड़ा पहुंच जाता है लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर, यानि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था से ज्यादा।
भले ही इस वक्त प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) को लेकर लोग WhatsApp को छोड़ रहे हों लेकिन एक समय था जब दुनिया के इस सबसे पॉपुलर ऐप से टक्कर लेने के लिए एक भारतीय कंपनी बाजार में उतरी थी जिसके दरवाजों पर अब ताला लग गया है। सोमवार को इस ऐप को गूगल समेत तमाम ऐप स्टोर्स (App Stores) से हटा लिया गया। इस महीने की शुरूआत में कवि मित्तल ने कहा था कि भारत के पास घरेलू मैसेंजर प्लेटफार्म तब तक नहीं होगा जब तक पश्चिमी कंपनियों के बड़े प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सप्प, सिग्नल, टेलीग्राम आदि को सरकार बैन नहीं करती। उन्होंने कहा था कि व्हाट्सप्प का 'वैश्विक नेटवर्क प्रभाव बहुत मजबूत हैं'। मसलन भारत में व्हाट्सएप ने 45 करोड़ से ज्यादा यूजर है। एक तरफ भारतीय यूनिकॉर्न (एक बिलियन डॉलर से बड़ी कंपनी) फ़ेल हो रही हैं, वही अमेरिका की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियाँ जम कर चांदी काट रही है। आलम यह है कि हाल में ही एप्पल और फेसबुक, इन दोनों कंपनियों की मार्केट वैल्यू भारत की जीडीपी से ज्यादा हो गई है। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में नॉमिनल जीडीपी घटकर 194.82 लाख करोड़ रह जाएगी। अब अगर इसको डॉलर के हिसाब से देखे तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2.65 ट्रिलियन डॉलर तक सिमट जाएगी। बात करे एप्पल की तो उसकी टोटल वर्थ या कहें उसकी कुल क़ीमत 2.2 ट्रिलियन डॉलर के पार जा चुकी है। इसी तरह फेसबुक 0.77 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है। अब इन दोनों की कुल कीमत को जोड़ा जाये तो आंकड़ा पहुंच जाता है लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर, यानि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था से ज्यादा।
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