चीन से रिश्तों में उतार के बावजूद भारत में चढ़ाव पर है चीनी मोबाइल कंपनियाँ
इस साल शाओमी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली पर अभी भी वो दूसरे नंबर पर बनी हुई है।

कोरोना महामारी की वजह से ये साल देश की इंडस्ट्रीज के लिए किसी बुरे सपने की तरह है। स्मार्टफोन मार्केट के लिए भी यह साल उतार-चढ़ाव भरा रहा है।
इस साल चीनी कंपनियों के विरोध का असर भी स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर दिखा। हालांकि, पिछले दो महीने से मार्केट को थोड़ी राहत मिली है और उम्मीद जताई जा रही है कि साल ख़त्म होते-होते सब कुछ पटरी पर आ जायेगा। वैसे, रिश्तों में तमाम तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद चीन का दबदबा कम होता नज़र नहीं आ रहा।
शाओमी, रियलमी, वीवो और ओप्पो जैसी कंपनियों ने पूरे साल टॉप-5 में अपनी जगह बनाई रखी, इस बीच थोड़ा सा फायदा सैमसंग को भी हुआ। साल के तीसरे क्वार्टर (जुलाई से सितंबर) के दौरान सैमसंग स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर में पहले नंबर पहुंचने में कामयाब हो गई। हालांकि, पहले क्वार्टर (जनवरी से मार्च) और दूसरे क्वार्टर (अप्रैल से जून) के दौरान चीनी कंपनी शाओमी का दबदबा देखने को मिला था। इस साल शाओमी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली पर अभी भी वो दूसरे नंबर पर बनी हुई है।
भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर के प्रतिशत की बात करें तो पता चलता है कि शाओमी का ग्राफ 2019 की तुलना में लगातार बढ़ा है। 2019 के पहले क्वार्टर में कंपनी का शेयर 29% था, जो 2020 के पहले क्वार्टर में बढ़कर 30% हो गया। इसी तरह, दूसरे क्वार्टर में भी कंपनी के शेयर में 1% की बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, तीसरे क्वार्टर में 3% की गिरावट आ गयी।
इसी तरह वीवो, ओप्पो और रियलमी के स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर में भी 2019 के पहले और दूसरे क्वार्टर की तुलना में 2020 के पहले और दूसरे क्वार्टर में बढ़त देखने को मिली और शाओमी की तरह इन कंपनियों के आंकड़े भी तीसरे क्वार्टर में फिसले। हालांकि, ओप्पो के मार्केट शेयर में 2% की बढ़त रही है। इससे उलट सैमसंग के आंकड़े 2019 की तुलना में 2020 के पहले क्वार्टर में ख़राब थे, जो इस साल के दूसरे और तीसरे क्वार्टर में बेहतर हो गए।
यह बात गौर करने वाली है कि 2016 तक भारतीय स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट में माइक्रोमैक्स और लेनोवो का दबदबा था। 2017 के बाद इनकी जगह रियलमी ने ले ली। हालांकि, माइक्रोमैक्स ने इस बार इन (in) सीरीज के साथ वापसी की है।
इस क्वार्टर में भले ही सैमसंग ने शाओमी के ऊपर अपनी जगह पक्की की हो पर अगर पिछले चार साल के आँकडें देखें तो पता चलता है कि शाओमी ने भारत में अपना मार्केट बहुत रफ़्तार से फैलाया है। साल 2016 में शाओमी का स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर 5.75% था। तब से आज तक शाओमी ने लगातार कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ीं। साल 2017 में यह आँकड़ा 19% हो गया था और फिर 2018 में 28.25%, 2019 में 27.5% और 2020 में 27.34% तक जा पहुँचा।
दूसरी तरफ़ आँकड़ों में सैमसंग उतार पर लगता है। साल 2016 में उसका स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर 25% था जो 2020 में 22% पर लुढ़क गया। अब देखना होगा की क्या चीन और भारत के बीच विवाद में कोरियाई कंपनी सैमसंग अपनी बिक्री सुधार पाएगी।
शाओमी, रियलमी, वीवो और ओप्पो जैसी कंपनियों ने पूरे साल टॉप-5 में अपनी जगह बनाई रखी, इस बीच थोड़ा सा फायदा सैमसंग को भी हुआ। साल के तीसरे क्वार्टर (जुलाई से सितंबर) के दौरान सैमसंग स्मार्टफोन शिपमेंट मार्केट शेयर में पहले नंबर पहुंचने में कामयाब हो गई। हालांकि, पहले क्वार्टर (जनवरी से मार्च) और दूसरे क्वार्टर (अप्रैल से जून) के दौरान चीनी कंपनी शाओमी का दबदबा देखने को मिला था। इस साल शाओमी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिली पर अभी भी वो दूसरे नंबर पर बनी हुई है।


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