दुनिया बनाम देश: महामारी के बीच सरकारी मदद

कोरोनावायरस की महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को ऐतिहासिक चोट पहुंची है. विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि देश में 12 करोड़ की आबादी अत्यधिक ग़रीबी का शिकार हो सकती है. वहीं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि दुनियाभर में 1.6 बिलियन लोगों की नौकरियों पर ख़तरा मंडरा रहा है. दुनिया के ज़्यादातर देशों के सामने लॉकडाउन में एक बड़ी आबादी को बेरोजगारी और भुखमरी से बचाना एक बड़ी चुनौती है. भारत में हालात भयावह हैं.
बेरोजगारी और भुखमरी से निबटने के लिए कई देशों ने अहम ऐलान किए हैं. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने 52 बिलियन अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की है. यहां 607 अमेरिकी डॉलर यानी तकरीबन 46,000 रूपये हर कर्मचारी को अगले तीन महीने तक दिए जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 50 लाख लोगों ने राहत राशि के लिए अर्ज़ी लगाई है.
ब्रिटेन में बेरोज़गारी दर के 8 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान था लेकिन राहत पैकेजों के ऐलान के चलते यह दर 4-6 फीसदी तक सिमट सकती है. बोरिस जॉनसन की सरकार ने अगले तीन महीने तक कर्मचारियों को 2,500 यूरो यानी तकरीबन 2,33,500 रूपये देने का ऐलान किया है. इसके अलावा टैक्स में रियायत, ब्याज मुक्त कर्ज़, कर वसूली में तीन महीने की मोहलत जैसे अहम फैसले भी लिए हैं.
ब्रिटेन में बेरोज़गारी दर के 8 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान था लेकिन राहत पैकेजों के ऐलान के चलते यह दर 4-6 फीसदी तक सिमट सकती है. बोरिस जॉनसन की सरकार ने अगले तीन महीने तक कर्मचारियों को 2,500 यूरो यानी तकरीबन 2,33,500 रूपये देने का ऐलान किया है. इसके अलावा टैक्स में रियायत, ब्याज मुक्त कर्ज़, कर वसूली में तीन महीने की मोहलत जैसे अहम फैसले भी लिए हैं.
ताज़ा वीडियो