चीन ने अपने टिक-टॉक पर राशन लगाया

चीन जिसे तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है, वही चीन अब अपने यहां तकनीकी कंपनियों पर नकेल कस रहा है। अर्ध सरकारी चीनी इंटरनेट कंपनी ‘ByteDance’ युवाओं के लिए टिक टॉक सरीखी एक ऐप ले कर आई है। इसकी खासियत यह है कि इस ऐप को इस्तेमाल करने की लिमिट है। इस ऐप को एक दिन में अधिकतम 40 मिनट तक यूज किया जा सकता है। इसके अलावा युवा इस ऐप में शॉर्ट वीडियो देख तो पाएंगे लेकिन वह न ही इसे कही अपलोड कर सकते हैं और न ही इसे किसी के साथ साझा किया जा सकेगा।
टिक टॉक की तरह एक और ऐप ‘Doyin’ ने भी 14 साल से कम अपने यूजर्स के लिए ऐप के अधिकतम यूज किए जाने की सीमा 40 मिनट पर तय कर दी है। यहां तक कि ऐप को निश्चित समय पर ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह कंपनियां चीनी सरकार के नए आदेश के बाद ऐप में बदलाव कर रही हैं। दरअसल चीनी सरकार ने जून में ‘माइनर प्रोटेक्शन लॉ’ में बदलाव किया है।
संशोधन के बाद अब ऐप बनाने वाली कंपनियों को यह सीमा तय करने के आदेश दिए हैं कि बच्चे और युवा ऑनलाइन गेमिंग में कितना समय ऐप्लीकेशन पर बिता सकते हैं। चीनी नियामकों ने युवाओं के लिए ऑनलाइन गेमिंग की सीमा हफ्ते में 3 घंटे तक तय कर दी है। इसके अलावा सरकार के आदेश के मुताबिक गेमिंग कंपनियों को ऐप को एक ‘एंटी एडिक्शन सिस्टम’ से जोड़ना होगा। यूजर्स सिर्फ असली नाम और वैध सरकारी दस्तावेज़ों के साथ ही ऐप पर अकाउंट बना सकेंगे।
चीनी स्टेट मीडिया ने ऑनलाइन गेमिंग को ‘स्प्रीचुअल अफीम’ का टैग दिया है और ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार यह पाबंदियां बच्चों और युवाओं की शारीरिक और मानसिक सेहत को बचाने के लिए लाई है जबकि कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीनी सरकार तकनीकी कंपनियों पर ‘क्रेकडाउन’ कर रही है। कई कंपनियों का तर्क है कि सरकार की यह पाबंदियां इन कंपनियों को ले डूबेंगी। सीएनबीसी ने नीको पार्टनर्स के सीनीयर एनालिस्ट
डेनियल अहमद के हवाले से लिखा कि चीन में 10 करोड़ से अधिक नाबालिग वीडियो गेम्स खेलते हैं और चीनी सरकार की नई गाइडलाइंस से नाबालिगों द्वारा गेमिंग ऐप पर बिताया गया समय और उन पर लगाया गया पैसा कम हो जाएगा।
चीनी सरकार ने सिर्फ वीडियो गेमिंग ऐप के लिए गाइडलाइंस जारी की है बल्कि ‘After-School industry’ पर भी कई पाबंदियां लगाई हैं। इसके चलते ही 100 बिलियन डॉलर की कीमत वाली ‘ByteDance’ कंपनी ने अपने एक महत्वपूर्ण संचालन को बंद कर दिया है। चीनी सरकार के टेक इंडस्ट्री पर क्रेकडाउन के बाद अकेली बहुराष्ट्रीय समूह कंपनी टेनसेंट को ही 170 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
चीनी नियामकों ने राइड हेलिंग कंपनी ‘Didi’ के खिलाफ भी 2 जुलाई को जांच के आदेश दिए और आखिरकार इसे मोबाइल एप स्टोर से हटा दिया गया। दरअसल कंपनी ने अमेरिका में पब्लिक ऑफरिंग दी थी जिसके बाद चीन ने यह चिंता जताई कि इससे घरेलू यूजर्स का डाटा विदेशियों के हाथ लग जाएगा। कुछ ऐसा ही फूड डिलीवरी कंपनी Meituan के साथ हुआ।
दरअसल सरकार ने नए ‘वर्कर्स प्रोटेक्शन रूल्स’ का ऐलान किया है इसके अंतर्गत डिलीवरी टाइम में कुछ ढील देने के आदेश दिए हैं। इन आदेशों के बाद कंपनी के शेयर हॉन्ग कॉन्ग स्टॉक एक्सचेंज में 2 जुलाई को करीब 25 फीसदी गिर गए।
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