आयुष मंत्रालय के बाद उत्तराखंड सरकार सख़्त, पतंजलि को नोटिस जारी करने की तैयारी

by M. Nuruddin 2 years ago Views 2956

Uttarakhand government tightens after AYUSH minist
केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के बाद अब उत्तराखंड सरकार से भी बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजली को तगड़ा झटका लगा है. उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग का कहना है कि पतंजलि को इम्यूनिटी बूस्टर, खांसी और बुख़ार की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था नाकि कोरोना वायरस के लिए. उत्तराखंड सरकार अब पतंजलि को नोटिस जारी कर यह पूछने वाली है कि उन्हें कोरोना किट बनाने की इजाज़त कैसे मिली.

इससे पहले पतंजलि की ‘कोरोना किट या कोरोनिल’ के प्रचार प्रसार पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय रोक लगा चुका है और कोरोना संक्रमण की रोकथाम में कारगर इस कथित दवा की पूरी जानकारी मांगी है. आयुष मंत्रालय ने कहा है कि इस बात की जानकारी नहीं है कि किस तरह के वैज्ञानिक अध्ययन के बाद दवा बनाने का दावा पतंजलि ने किया है.


वहीं बाबा रामदेव का दावा है कि ‘पतंजलि ऐसा पहला आयुर्वेदिक संस्थान है जिसने जड़ी-बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद कोरोना वायरस की दवा प्रमाणिकता के साथ बाज़ार में उतारा है.’ उन्होंने दावा किया है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ‘कोरोनिल’ के 100 फीसदी नतीजे दिखे हैं।

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अपने दावे में रामदेव ने कहा कि ’कोरोनिल’ दवाई देने पर सात दिन के भीतर कोरोना मरीज़ 100 फीसद ठीक हो गए. दवाई की लॉन्चिंग के दौरान पतंजलि की ओर से कहा गया, ‘कोरोना किट या कोरोनिल दवाई में अश्वगंधा मिलाया गया है जो कोरोना वायरस को इंसान के शरीर की कोशिकाओं में नहीं घुसने देता.

इस दवा में गिलोय का इस्तेमाल भी किया गया है जो संक्रमण को रोकता है.’ साथ ही पतंजलि की ओर से बताया गया है कि इस दवा में तुलसी का मिश्रण भी है जो कोविड-19 के लिए अक्रामक साबित होगा.

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