UP Elections 2022: कांग्रेस की पहली सूचि में 50 महिलाएं, सात मुस्लिम महिला उम्मीदवार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सीट बंटवारे को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर रही हैं। प्रियंका ने अपनी पहली सूचि में 50 महिलाओं को टिकट दिया है। पहली सूचि में 125 नामों को शामिल किया गया है और इनमें 40 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया गया है।
प्रियंका गांधी ने उन्नाव पीड़िता की मांग को भी टिकट दिया है। इस चुनाव में सलमान खुर्शीद की पत्नी को भी टिकट दिया गया है।’प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारी सूचि नया संदेश दे रही है।’
कांग्रेस ने अपने पहले चरण की सूचि में 16 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवार बनाए हैं जिनमें 13 पुरुष और सात महिला उम्मीदवार शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रेस रिलीज में पार्टी की पहली सूचि को, “नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़ का प्रतीक” बताया है। प्रियंका गांधी ने कहा, “उन्नाव की उस लड़की की माँ हमारी प्रत्याशी है जिसने सत्ताधारी दल के बलात्कारी विधायक के ख़िलाफ़ न्याय का संघर्ष किया।।” “शाहजहाँपुर की वो आशा बहन हमारी प्रत्याशी है जो मुख्यमंत्री की सभा में अपना हक़ माँगने पहुँची तो उसको पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ दिया गया, लेकिन उनकी आवाज़ नहीं दबा सके।” “लखीमपुर की वो जनप्रतिनिधि हमारी प्रत्याशी हैं जिसने भाजपा के ख़िलाफ़ ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई तो भाजपा वालों ने उसका चीरहरण किया, लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा पाए।" लखनऊ की वो महिला हमारी प्रत्याशी हैं जिनको नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया, लेकिन वो फिर भी सच्चाई के साथ डटी रहीं।” “सोनभद्र का वो आदिवासी भाई हमारे प्रत्याशी है जिनके आदिवासी भाई बहनों का दबंगों ने नरसंहार किया। सत्ता ने उनके साथ न्याय नहीं किया लेकिन उन्होंने न्याय व संघर्ष का पथ नहीं छोड़ा।” प्रियंका गांधी ने बताया, “हमारी लिस्ट में 40% महिलाएँ (125 में से 50 महिलाओं को टिकट), लगभग 40% युवाओं को टिकट (125 में से 45 युवा)।” प्रियंका गांधी ने बताया, “आशा सिंह, उन्नाव में अपनी बेटी के बलात्कार के बाद सत्ताधारी भाजपा के विधायक के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी, उनके पति की हत्या तक कर दी गई। “रितु सिंह, ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भाजपा की हिंसा, रितु सिंह को कैसे चुनाव लड़ने से रोका गया, उनके कपड़े फाड़े गए, रामराज गोंड, उम्भा में दबंगों द्वारा आदिवासियों का नरसंहार पूरे देश ने देखा। योगी सरकार ने न्याय देने के लिए कुछ नहीं किया। आदिवासियों के संघर्ष की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे।” प्रियंका गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “पूनम पांडेय, आशा बहनें कोरोना के समय उत्तरप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लगकर अपनी ड्यूटी दी। जब आशा बहनें मुख्यमंत्री की शाहजहाँपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की माँग लेकर पहुँची उसमें पूनम पांडेय समेत सभी आशा बहनों को निर्ममता से पीटा गया। पूनम पांडेय न्याय की वो आवाज़ हैं जिन्होंने सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी नहीं।” इनके अलावा प्रियंका गांधी ने सदफ जफ़र को महिला उम्मीदवार बनाया है। प्रियंका ने बताया, “नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ पर झूठे मुक़दमे लगाए गए, पुरुष पुलिस ने उन्हें पीटा, उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया, सदफ सच्चाई के साथ डटी रहीं।”
कांग्रेस ने अपने पहले चरण की सूचि में 16 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवार बनाए हैं जिनमें 13 पुरुष और सात महिला उम्मीदवार शामिल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रेस रिलीज में पार्टी की पहली सूचि को, “नई ऊर्जा, युवा ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़ का प्रतीक” बताया है। प्रियंका गांधी ने कहा, “उन्नाव की उस लड़की की माँ हमारी प्रत्याशी है जिसने सत्ताधारी दल के बलात्कारी विधायक के ख़िलाफ़ न्याय का संघर्ष किया।।” “शाहजहाँपुर की वो आशा बहन हमारी प्रत्याशी है जो मुख्यमंत्री की सभा में अपना हक़ माँगने पहुँची तो उसको पीट-पीट कर उसका हाथ तोड़ दिया गया, लेकिन उनकी आवाज़ नहीं दबा सके।” “लखीमपुर की वो जनप्रतिनिधि हमारी प्रत्याशी हैं जिसने भाजपा के ख़िलाफ़ ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ने की हिम्मत जुटाई तो भाजपा वालों ने उसका चीरहरण किया, लेकिन उसका मनोबल नहीं गिरा पाए।" लखनऊ की वो महिला हमारी प्रत्याशी हैं जिनको नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराने के चलते प्रताड़ित किया गया, लेकिन वो फिर भी सच्चाई के साथ डटी रहीं।” “सोनभद्र का वो आदिवासी भाई हमारे प्रत्याशी है जिनके आदिवासी भाई बहनों का दबंगों ने नरसंहार किया। सत्ता ने उनके साथ न्याय नहीं किया लेकिन उन्होंने न्याय व संघर्ष का पथ नहीं छोड़ा।” प्रियंका गांधी ने बताया, “हमारी लिस्ट में 40% महिलाएँ (125 में से 50 महिलाओं को टिकट), लगभग 40% युवाओं को टिकट (125 में से 45 युवा)।” प्रियंका गांधी ने बताया, “आशा सिंह, उन्नाव में अपनी बेटी के बलात्कार के बाद सत्ताधारी भाजपा के विधायक के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी, उनके पति की हत्या तक कर दी गई। “रितु सिंह, ब्लॉक प्रमुख चुनावों में भाजपा की हिंसा, रितु सिंह को कैसे चुनाव लड़ने से रोका गया, उनके कपड़े फाड़े गए, रामराज गोंड, उम्भा में दबंगों द्वारा आदिवासियों का नरसंहार पूरे देश ने देखा। योगी सरकार ने न्याय देने के लिए कुछ नहीं किया। आदिवासियों के संघर्ष की मज़बूत आवाज़ बनकर उभरे।” प्रियंका गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “पूनम पांडेय, आशा बहनें कोरोना के समय उत्तरप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जान थीं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना लगकर अपनी ड्यूटी दी। जब आशा बहनें मुख्यमंत्री की शाहजहाँपुर में अपना मानदेय बढ़ाने की माँग लेकर पहुँची उसमें पूनम पांडेय समेत सभी आशा बहनों को निर्ममता से पीटा गया। पूनम पांडेय न्याय की वो आवाज़ हैं जिन्होंने सम्मानजनक मानदेय की लड़ाई छोड़ी नहीं।” इनके अलावा प्रियंका गांधी ने सदफ जफ़र को महिला उम्मीदवार बनाया है। प्रियंका ने बताया, “नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के दौरान सदफ पर झूठे मुक़दमे लगाए गए, पुरुष पुलिस ने उन्हें पीटा, उनके बच्चों से अलग करके उनको जेल में डाला गया, सदफ सच्चाई के साथ डटी रहीं।”
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