UP 1st Phase Voting: 2017 में बीजेपी को 90 फीसदी सीटों पर मिली थी जीत

by M. Nuruddin 1 year ago Views 1639

UP 1st Phase Voting: In 2017 BJP won 90% of the se
उत्तर प्रदेश में आज पहले चरण के लिए मतदान हो रहा है। पहले चरण में 11 ज़िलों के 58 सीटों पर मतदान हो रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदान का पहला चरण योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भगवा पार्टी ने 2017 के चुनावों में इस क्षेत्र में क्लीन स्वीप किया था और पार्टी ने 90 फीसदी से ज़्यादा सीटें जीती थी।

बीजेपी ने 2017 में पहले चरण के 58 में 53 सीटों या 91 फीसदी सीटें अपने नाम की थी। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी और मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने दो-दो सीटें जीती थी, जबकि राष्ट्रीय लोक दल ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। 


बीजेपी के बड़े जीत से साफ है कि अन्य दलों का सफाया हो गया था। पश्चिमी यूपी की जीत में बीजेपी ने 23 सीटों पर 20 फीसदी से ज़्यादा के अंतर से जीत दर्ज  की थी। वहीं 10-20 फीसदी की मार्जिन से 18 और दस फीसदी से कम मार्जिन के साथ 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

ग़ौरतलब है कि पहले चरण में शामली की तीन, मुज़फ्फरनगर की छह, मेरठ की सात, बाग़पत की तीन, ग़ाज़ियाबाद की पांच, हापुड़ की तीन, गौतमबुद्धनगर की तीन, बुलंदशहर की सात, अलीगढ़ की सात, मथुरा की पांच और आगरा की 9 सीटों पर मतदान हो रहे हैं।

समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी की समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल इस बार गठबंधन में चुनाव लड़ रही है, जो सत्तारूढ़ भगवा पार्टी के लिए एक चुनौती है। अगर गठबंधन को योगी को सत्ता से बाहर करना है तो उन्हें पहले चरण में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

हालांकि 2017 में बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती बीएसपी रही थी। बीएसपी 33 सीटों पर बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती रही थी। वहीं समाजवादी पार्टी 15 सीटों पर और कांग्रेस पांच, जबकि आरएलडी तीन सीटों पर ही रनर-अप की भूमिका रही थी।

हालांकि कहा जा रहा है कि इस 2022 के चुनाव में ज़मीनी हालात बीजेपी के ख़िलाफ़ है और जाट समुदाय की नाराज़गी का गठबंधन को पश्चिमी यूपी में बड़ी जीत मिल सकती है।

कुल मिलाकर, 53 में से 27 सीटों पर, भाजपा की जीत का अंतर तीसरे स्थान पर पार्टी द्वारा डाले गए वोटों से कम था। स्पष्ट रूप से, विपक्षी वोटों के विभाजन ने कई सीटों पर भाजपा की मदद की।

अब इस चुनाव में हालात यह हैं कि मायावती की बीएसपी अलग चुनाव लड़ रही है जो 2017 के चुनाव में पहले चरण में दूसरी सबसे  बड़ी पार्टी बनी थी।

बीएसपी को बीजेपी की बी-टीम कहा जाता है जिसकी अध्यक्ष मायावती ने निकाय चुनाव में खुले तौर पर बीजेपी के समर्थन में वोट करने और समाजवादी पार्टी को हराने के लिए अपने मतदाताओं से अपील कर चुकी हैं। 

आपको बता दें कि श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण जो योगी कैबिनेट में मंत्री रहे हैं, उनके भाग्य का फैसला भी पहले चरण में ही होना है।

अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी पश्चिमी यूपी में अपना स्थान बरक़रार रखती है या पार्टी को निराशा हाथ लगती है।

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