सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि क़ानून के लागू करने पर रोक लगाई

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि क़ानून के लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है जो मामले में ज़मीनी हालात पर एक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घणावत के कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि उनके पास क़ानून को निलंबित करने की शक्ति है लेकिन क़ानून का निलंबन खाली एक उद्देश्य के लिए नहीं होना चाहिए। इस कमेटी के माध्यम से जो बात निकलकर सामने आएगी, आगे का फैसला उसी पर होगा। उन्होंने कहा कि, ‘हम सिर्फ क़ानूनों की वैधता के बारे में चिंतित हैं और हमें विरोध से प्रभावित नागरिकों के जीवन और संपत्ति की हिफाज़त की भी चिंता है। हम हमारे पास मौजूद शक्तियों के तहत समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।’
सीजेआई ने कहा कि हर वो शख़्स जो वास्तव में चाहता है कि समस्या का हल निकले तो उन्हें कमेटी के समक्ष जाना चाहिए। कमेटी आपको दंड नहीं देगी या कोई भी आदेश पारित नहीं करेगी। कमेटी कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपेगी। सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि इसमें संगठनों की राय ली जाएगी। कमेटी के माध्यम से एक स्पष्ट तस्वीर निकलकर सामने आएगी। कमेटी समस्या को हल करने और ज़मीनी हालात जानने के लिए बनाई गई है। इसपर किसान प के वकील एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कह रहे हैं कि सभी लोग बातचीत के लिए आए लेकिन प्रधानमंत्री ने उनसे बात नहीं कि। उन्होंने कहा कि केन्द्र क़ानून वापस लेने के मूड में नहीं है तो किसान मानते हैं कि कमेटी बनाने से मसले का हल नहीं होगा। सोमवार की सुनवाई में सीजेआई ने प्रदर्शन स्थल पर बच्चे, बूढ़े और महिलाओं की मौजूदगी पर चिंता जताई थी। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील एपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि उनके क्लाइंट बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को प्रदर्शन स्थल से हटाने के लिए राज़ी हो गए हैं। भानू के वकील एपी सिंह की इस बात को सीजेआई एसए बोबड़े ने रिकॉर्ड में दर्ज किया है और इसकी सराहना की है।
सीजेआई ने कहा कि हर वो शख़्स जो वास्तव में चाहता है कि समस्या का हल निकले तो उन्हें कमेटी के समक्ष जाना चाहिए। कमेटी आपको दंड नहीं देगी या कोई भी आदेश पारित नहीं करेगी। कमेटी कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपेगी। सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि इसमें संगठनों की राय ली जाएगी। कमेटी के माध्यम से एक स्पष्ट तस्वीर निकलकर सामने आएगी। कमेटी समस्या को हल करने और ज़मीनी हालात जानने के लिए बनाई गई है। इसपर किसान प के वकील एमएल शर्मा ने कहा कि किसान कह रहे हैं कि सभी लोग बातचीत के लिए आए लेकिन प्रधानमंत्री ने उनसे बात नहीं कि। उन्होंने कहा कि केन्द्र क़ानून वापस लेने के मूड में नहीं है तो किसान मानते हैं कि कमेटी बनाने से मसले का हल नहीं होगा। सोमवार की सुनवाई में सीजेआई ने प्रदर्शन स्थल पर बच्चे, बूढ़े और महिलाओं की मौजूदगी पर चिंता जताई थी। इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन (भानू) के वकील एपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि उनके क्लाइंट बच्चे, बूढ़े और महिलाओं को प्रदर्शन स्थल से हटाने के लिए राज़ी हो गए हैं। भानू के वकील एपी सिंह की इस बात को सीजेआई एसए बोबड़े ने रिकॉर्ड में दर्ज किया है और इसकी सराहना की है।
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