ट्रेड यूनियनों के भारत बंद का कई राज्यों में दिखा असर, बैंकिंग व्यवस्था रही प्रभावित

केंद्र सरकार की नीतियों को जनविरोधी क़रार देते हुए देश की 10 प्रमुख ट्रेड यूनियनों ने , देशव्यापी हड़ताल की. ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि इस हड़ताल में तकरीबन 25 करोड़ लोगो ने हिस्सा लिया और यह पूरी तरह क़ामयाब रही।
केंद्र सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ देश की 10 बड़ी ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल पूरी तरह क़ामयाब रहा. ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार के सामने 12 मांगें रखी हैं और सरकारी उपक्रमों का निजीकरण उनकी सबसे बड़ी चिंताओं में शामिल रहा. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार का नया लेबर कोड ट्रेड यूनियन को मान्यता नहीं देता है और उसे वापस लेना चाहिए. बैंकिंग से जुड़े संगठनों ने कहा कि सरकार को बैंकों के विलय की प्रक्रिया फौरन रोकनी चाहिए. इस हड़ताल को कारोबारियों ने भी समर्थन दिया जिनपर मंदी की वजह से हर दिन संकट बढ़ता जा रहा है. राजधानी दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने ITO के पास शहीद पार्क में जमा होकर प्रदर्शन किया.
बंद का असर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ दक्षिण भारत के राज्यों में ख़ासतौर से देखने को मिला। चेन्नई में सुबह से ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी लाल झंडा थामे सड़कों पर उतर आए और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा दर्ज़ कराया. यहां कई लोगों को हिरासत में लिया गया. ऐसा ही प्रदर्शन कोयम्बटूर में भी देखने को मिला। वीडियो देखिये आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बड़ी तादाद में लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे। केरल के कोट्टायम और कोझिकोड समेत कई ज़िलों में लोगो ने दुकानें बंद रखकर प्रदर्शन किया और सड़कों पर रैलियां निकालीं। कर्नाटक के मंगलौर और हुबली में बंद की वजह से आम ज़िंदगी पटरी से उतर गई और ट्रैफिक बाधित रहा. मुंबई में शिवसेना समेत अन्य दलों ने प्रदर्शन किया. पंजाब में वामदलों ने ट्रैन रोककर केंद्र सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर की. यह देशव्यापी हड़ताल पूरी तरह शांतिपूर्ण रही लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी और सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की ख़बरें आईं. 24 साउथ परगना में रेलवे ट्रैक पर देसी बम भी मिला। इस हड़ताल के चलते हज़ारों करोड़ के कारोबार पर असर पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ बैंकिंग सेवाओं के ठप होने से 22 हज़ार करोड़ रुपए का लेन-देन प्रभावित रहा.
बंद का असर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ दक्षिण भारत के राज्यों में ख़ासतौर से देखने को मिला। चेन्नई में सुबह से ही सैकड़ों प्रदर्शनकारी लाल झंडा थामे सड़कों पर उतर आए और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा दर्ज़ कराया. यहां कई लोगों को हिरासत में लिया गया. ऐसा ही प्रदर्शन कोयम्बटूर में भी देखने को मिला। वीडियो देखिये आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बड़ी तादाद में लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर उतरे। केरल के कोट्टायम और कोझिकोड समेत कई ज़िलों में लोगो ने दुकानें बंद रखकर प्रदर्शन किया और सड़कों पर रैलियां निकालीं। कर्नाटक के मंगलौर और हुबली में बंद की वजह से आम ज़िंदगी पटरी से उतर गई और ट्रैफिक बाधित रहा. मुंबई में शिवसेना समेत अन्य दलों ने प्रदर्शन किया. पंजाब में वामदलों ने ट्रैन रोककर केंद्र सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ नाराज़गी ज़ाहिर की. यह देशव्यापी हड़ताल पूरी तरह शांतिपूर्ण रही लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी और सीपीआईएम के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की ख़बरें आईं. 24 साउथ परगना में रेलवे ट्रैक पर देसी बम भी मिला। इस हड़ताल के चलते हज़ारों करोड़ के कारोबार पर असर पड़ा है. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ बैंकिंग सेवाओं के ठप होने से 22 हज़ार करोड़ रुपए का लेन-देन प्रभावित रहा.
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