कुंभ का असर, उत्तराखंड में रॉकेट की रफ़्तार से बढ़ रहे संक्रमण के मामले
सरकारी तंत्र लगातार कुंभ का बचाव करता रहा है लेकिन आंकड़े सरकारी तंत्र के दावे के उलट संक्रमण के हालात को बयां कर रहे हैं...

उत्तराखंड में एक महीने तक चले कुंभ का असर कोरोना की तेज़ रफ़्तार के रूप में दिखने लगा है। आंकड़े देखें तो साफ मालूम पड़ता है कि राज्य में कुंभ के बाद कोरोना का विस्फोट हुआ है। शुक्रवार को राज्य में संक्रमण के रिकॉर्ड 9,642 मामले दर्ज किए गए थे और आधिकारिक तौर पर 137 मौतें दर्ज की गई थी। जबकि गुरुवार को राज्य में रिकॉर्ड 151 मौतें हुई थी।
कोविड ट्रैकिंग वेबसाइट Covid19India.org के आंकड़ों के मुताबिक़ 31 मार्च तक राज्य में जहां संक्रमण के कुल 100,411 मामले थे वो अब बढ़कर 229,993 पर पहुंच गए हैं। यानि 1 अप्रैल से 7 मई के बीच 129,582 मामले दर्ज किए गए।
इसी तरह अगर मौतों के आंकड़े देखें तो राज्य में 31 मार्च तक कुल 1717 मौतें दर्ज की गई थी जो आधिकारिक तौर पर अब बढ़कर 3,430 पर पहुंच गई है। यानि कुंभ के बाद राज्य में आधिकारिक तौर पर 1713 मौतें दर्ज की गई जो कि 31 मार्च तक कुल मौतों का लगभग दोगुना है।
इसी तरह अगर मौतों के आंकड़े देखें तो राज्य में 31 मार्च तक कुल 1717 मौतें दर्ज की गई थी जो आधिकारिक तौर पर अब बढ़कर 3,430 पर पहुंच गई है। यानि कुंभ के बाद राज्य में आधिकारिक तौर पर 1713 मौतें दर्ज की गई जो कि 31 मार्च तक कुल मौतों का लगभग दोगुना है।
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