कोरोना वैक्सीन मुफ्त देने पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं: केंद्र सरकार

पूरे देश में कम से कम छह राज्यों की सरकारें मुफ्त में कोरोना वायरस टीका लगाने की घोषणा कर चुकी हैं। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इसपर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
अब कोविड वैक्सीन पैनल के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस के टीके का मुफ़्त में मिलना क्लिनिकल ट्रायल्स की सफलता पर निर्भर करेगा। दरअसल, नीति आयोग के सदस्य, डॉ पॉल की अगुवाई में पैनल ही वैक्सीन डेवलपमेंट से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन की प्लानिंग पर नजर रख रहा है। पॉल ने यह जरूर कहा कि ऐसा लगता है कि 'निकट भविष्य में' वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराने में 'संसाधन आड़े नहीं आएंगे।' यानी उन्होंने इशारा जरूर किया है कि पैनल भी वैक्सीन की मुफ्त में उपलब्धता पर विचार कर रहा है।
डॉ वीके पॉल ने कहा कि, “अगले कुछ हफ्तों में स्थिति थोड़ी स्पष्ट होगी जब हमारे पास सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का ट्रायल डेटा आ जाएगा। इसकी और अन्य कैंडिडेटस की सफलता ही उपलबधता और जरूरी डोज तय करेगी और फिर हम फायनेंसिंग पर चर्चा कर सकते हैं। अगले तीन हफ्तों में चीजें साफ हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई तरह के टीके मुफ्त लगवाती है। लेकिन कोरोना महामारी का दायरा इतना बड़ा है और साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन को लेकर जिस तरह वित्तीय समझौते हुए हैं, उसे देखते हुए केंद्र को वैक्सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह अभी तय नहीं है। वहीं आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में बीजेपी ने मुफ्त वैक्सीन का वादा किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश, असम, तमिलनाडु, पुदुचेरी समेत कुछ राज्यों ने भी कोरोना टीका मुफ्त में उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार में कोरोना वायरस का टीका मुफ्त उपलब्ध कराने के बीजेपी के चुनावी वादे पर तंज कसते हुए कहा कि क्या दूसरे राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाकिस्तान से आए हैं? बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सभी लोगों को कोविड-19 का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. प्रत्येक व्यक्ति के टीकाकरण पर करीब 500 रुपये खर्च होंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वैक्सीन के बारे में चर्चा की थी. पीएम ने कहा था कि भारत के वैज्ञानिक इस ओर काम कर रहे हैं और नतीजे जल्द ही हमारे हक में होंगे. पर इन वादों और आरोप प्रत्यारोप के बीच में देश की जनता अभी यह जान नहीं पाई है कि कोरोना की वैक्सीन मुफ़्त में मिलेगी भी या नहीं।
डॉ वीके पॉल ने कहा कि, “अगले कुछ हफ्तों में स्थिति थोड़ी स्पष्ट होगी जब हमारे पास सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का ट्रायल डेटा आ जाएगा। इसकी और अन्य कैंडिडेटस की सफलता ही उपलबधता और जरूरी डोज तय करेगी और फिर हम फायनेंसिंग पर चर्चा कर सकते हैं। अगले तीन हफ्तों में चीजें साफ हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सरकार बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कई तरह के टीके मुफ्त लगवाती है। लेकिन कोरोना महामारी का दायरा इतना बड़ा है और साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन को लेकर जिस तरह वित्तीय समझौते हुए हैं, उसे देखते हुए केंद्र को वैक्सीन के लिए कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह अभी तय नहीं है। वहीं आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में बीजेपी ने मुफ्त वैक्सीन का वादा किया था। इसके बाद मध्य प्रदेश, असम, तमिलनाडु, पुदुचेरी समेत कुछ राज्यों ने भी कोरोना टीका मुफ्त में उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिहार में कोरोना वायरस का टीका मुफ्त उपलब्ध कराने के बीजेपी के चुनावी वादे पर तंज कसते हुए कहा कि क्या दूसरे राज्यों के लोग बांग्लादेश या कजाकिस्तान से आए हैं? बता दें कि केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी ने रविवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सभी लोगों को कोविड-19 का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा. प्रत्येक व्यक्ति के टीकाकरण पर करीब 500 रुपये खर्च होंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वैक्सीन के बारे में चर्चा की थी. पीएम ने कहा था कि भारत के वैज्ञानिक इस ओर काम कर रहे हैं और नतीजे जल्द ही हमारे हक में होंगे. पर इन वादों और आरोप प्रत्यारोप के बीच में देश की जनता अभी यह जान नहीं पाई है कि कोरोना की वैक्सीन मुफ़्त में मिलेगी भी या नहीं।
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