स्टॉक बाज़ार की बुलंदी के बीच लड़खड़ाती छोटी कंपनियां, 2019 में IPO एक तिहाई से भी कम

साल 2019 में स्टॉक बाजार ने नई बुलंदियां पार की हैं पर कॉरपोरेट जगत में नई कंपनियों का बाज़ार ठंडा पड़ा हुआ है। ख़ासकर छोटी कंपनियों पर मंदी की मार सबसे ज़्यादा पड़ी है।
पिछले साल के मुक़ाबले नई कंपनियों की इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग या आईपीओ इस साल आधे से भी कम रहे हैं। 2018 में 33 हज़ार करोड़ से ज़्यादा के आईपीओ बाज़ार में आये जोकि 2019 में घटकर 13 हज़ार करोड़ से भी कम रहा है। वास्तव में 2019 आईपीओ के हिसाब से पिछले पांच साल में सबसे ख़राब रहा। 2019 में 51 हज़ार करोड़ के आईपीओ कंपनियों ने सेबी से मंज़ूरी लेने के बाद भी बाज़ार में नहीं उतारे।
वीडियो देखिये अगर छोटी और मंझोली कंपनियों की बात की जाये तो सेबी के आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई के आईपीओ में भारी गिरावट दर्ज हुई है। पिछले साल 141 छोटी कंपनियों ने 2287 करोड़ रुपए के आईपीओ बाज़ार में उतारे और इस साल सिर्फ 50 कंपनियों ने 621 करोड़ रुपए के आईपीओ बाज़ार में उतारे। यानि एक तिहाई से भी कम। यह साफ़ है जब बड़ी कंपनियों का मार्केट तेज़ी पर है तो छोटी कंपनियां लड़खड़ा रही हैं।
वीडियो देखिये अगर छोटी और मंझोली कंपनियों की बात की जाये तो सेबी के आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई के आईपीओ में भारी गिरावट दर्ज हुई है। पिछले साल 141 छोटी कंपनियों ने 2287 करोड़ रुपए के आईपीओ बाज़ार में उतारे और इस साल सिर्फ 50 कंपनियों ने 621 करोड़ रुपए के आईपीओ बाज़ार में उतारे। यानि एक तिहाई से भी कम। यह साफ़ है जब बड़ी कंपनियों का मार्केट तेज़ी पर है तो छोटी कंपनियां लड़खड़ा रही हैं।
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