भारतीय जनता पार्टी के सात विधायक, मंत्री ने दिया इस्तीफा; और भी क़तार में ?

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए आचार संहिता लागू किए जाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मंत्री पार्टी की सदस्यता और मंत्रीपद छोड़ रहे हैं। राज्य का चुनाव प्रमुख मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी और क़ानून व्यवस्था से फिसलकर कास्ट और कम्युनलिज़्म पर शिफ्ट हो गया है।
ओबीसी समुदाय से योगी कैबिनेट में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी की सदस्यता और मंत्रिपद छोड़ने सहित बीजेपी के कुल सात विधायकों ने अबतक बीजेपी की सदस्यता छोड़ दी है।
ताज़ा इस्तीफा शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा का आया है। मुकेश वर्मा ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर उत्तर प्रदेश में दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक समुदायों, किसानों और बेरोजगार लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। मुकेश वर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष और योगी के समर्थक स्वतंत्र देव सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, “भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई। इसकारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ।” मुकेश वर्मा बीजेपी में स्वामी प्रसाद मौर्य गुट के विधायक थे और स्वामी के इस्तीफे के बाद मौर्य गुट के पांच अन्य विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। मुकेश वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता मानते हैं। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 13 जनवरी को ख़बर लिखे जाने तक कोई अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए हैं, जबकि उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें हैं। इस बीच आपको यह भी बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ 2014 के एक मामले गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी कर दिया है। हालांकि उनपर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए। भाजपा के तीन अन्य विधायकों - तिंदवारी के ब्रजेश प्रजापति, तिलहर के रोशन लाल वर्मा और बिल्हौर के भगवती सागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को बिधूना से विनय कुमार शाक्य ने भी इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा योगी कैबिनेट के एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उनका पार्टी में स्वागत भी किया है। इनके अलावा योगी कैबिनेट के एक अन्य मंत्री धर्म सिंह सैनी के इस्तीफा देने की अटकलें हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा और अपना सरकारी आवास लौटा दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी के और भी विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं। जोड़-तोड़ के बीच एक समाजवादी पार्टी के हरिओम यादव और कांग्रेस के नरेश सैनी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने सात चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को है और आख़िरी चरण का मतदान 7 मार्च को। इसके बाद 10 मार्च को नतीज़े आएंगे।
ताज़ा इस्तीफा शिकोहाबाद से विधायक मुकेश वर्मा का आया है। मुकेश वर्मा ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर उत्तर प्रदेश में दलितों, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक समुदायों, किसानों और बेरोजगार लोगों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। मुकेश वर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष और योगी के समर्थक स्वतंत्र देव सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग करते हुए ट्विटर पर लिखा, “भाजपा सरकार द्वारा 5 वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई व दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई। इसकारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूँ।” मुकेश वर्मा बीजेपी में स्वामी प्रसाद मौर्य गुट के विधायक थे और स्वामी के इस्तीफे के बाद मौर्य गुट के पांच अन्य विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। मुकेश वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता मानते हैं। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने 13 जनवरी को ख़बर लिखे जाने तक कोई अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुए हैं, जबकि उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की अटकलें हैं। इस बीच आपको यह भी बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ 2014 के एक मामले गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी कर दिया है। हालांकि उनपर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना ने बुधवार को पार्टी छोड़ दी और सपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए। भाजपा के तीन अन्य विधायकों - तिंदवारी के ब्रजेश प्रजापति, तिलहर के रोशन लाल वर्मा और बिल्हौर के भगवती सागर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को बिधूना से विनय कुमार शाक्य ने भी इस्तीफा दे दिया। इनके अलावा योगी कैबिनेट के एक अन्य मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी अपना इस्तीफा दे दिया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उनका पार्टी में स्वागत भी किया है। इनके अलावा योगी कैबिनेट के एक अन्य मंत्री धर्म सिंह सैनी के इस्तीफा देने की अटकलें हैं। उन्होंने अपनी सुरक्षा और अपना सरकारी आवास लौटा दिया है। माना जा रहा है कि बीजेपी के और भी विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं। जोड़-तोड़ के बीच एक समाजवादी पार्टी के हरिओम यादव और कांग्रेस के नरेश सैनी भाजपा में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग ने सात चरणों में मतदान कराने का फैसला किया है। पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को है और आख़िरी चरण का मतदान 7 मार्च को। इसके बाद 10 मार्च को नतीज़े आएंगे।
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