Renewable Energy: क्या भारत ने 2030 से पहले अपना लक्ष्य हासिल कर लिया ?

साल 2015 में क्लाइमेट पर पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन में भारत सरकार ने 2030 तक ग़ैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों या नॉन-फॉसिल एनर्जी सोर्सेज़ से स्थापित बिजली क्षमता का 40 फीसदी हिस्सा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था।
पिछले दिनों सरकार ने दावा किया कि भारत ने अपने इस लक्ष्य को नवंबर 2021 में ही हासिल कर लिया है। सरकार ने दावा किया कि भारत का कुल Installed Renewable Energy (RE) Capacity) 156.83 गीगावॉट तक पहुंच गई, जो पूरी तरह से स्थापित बिजली क्षमता का 40.1 फीसदी है।
हालांकि अगर हम आंकड़े देखें तो पता चलता है कि भारत रीन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज़ से पॉवर जेनरेशन में अपने वास्तविक लक्ष्य से काफी पीछे है। मसलन सिर्फ ग़ैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता स्थापित करने ही भर से हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। केन्द्र सरकार का कहना है कि भारत के पास कुल 390.8 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता है। अगर हम इनमें थर्मल बिजली प्लांट से बिजली उत्पादन की बात करें तो भारत इसे कम करने की दिशा में पीछे है। भारत का इसी साल के सितंबर महीने में कुल बिजली उत्पादन 122 बिलियन यूनिट रहा और इनमें 90.53 बिलियन यूनिट बिजली थर्मल एनर्जी सोर्सेज़ से प्राप्त हुए। ज़ाहिर है इस तरह भारत रीन्यूएबल एनर्जी पर अपनी निर्भरता क़ायम करने की दिशा में पिछड़ सकता है।
हालांकि अगर हम आंकड़े देखें तो पता चलता है कि भारत रीन्यूएबल एनर्जी सोर्सेज़ से पॉवर जेनरेशन में अपने वास्तविक लक्ष्य से काफी पीछे है। मसलन सिर्फ ग़ैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता स्थापित करने ही भर से हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। केन्द्र सरकार का कहना है कि भारत के पास कुल 390.8 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता है। अगर हम इनमें थर्मल बिजली प्लांट से बिजली उत्पादन की बात करें तो भारत इसे कम करने की दिशा में पीछे है। भारत का इसी साल के सितंबर महीने में कुल बिजली उत्पादन 122 बिलियन यूनिट रहा और इनमें 90.53 बिलियन यूनिट बिजली थर्मल एनर्जी सोर्सेज़ से प्राप्त हुए। ज़ाहिर है इस तरह भारत रीन्यूएबल एनर्जी पर अपनी निर्भरता क़ायम करने की दिशा में पिछड़ सकता है।
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