बासमती चावल की जीआई टैगिंग पर पंजाब-मध्यप्रदेश आमने-सामने, हंगामा बढ़ा

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वो ख़ुशबूदार बासमती चावल के लिए मध्यप्रदेश को भौगोलिक संकेतक जीआई टैग ना हासिल करने दें. अमरिंदर सिंह ने कहा है कि बासमती के लिए जीआई टैग पंजाब और कुछ अन्य राज्यों के पास है. अगर मध्यप्रदेश को भी बासमती के लिए जीआई टैग दिया जाएगा तो इसका असर बासमती उगाने वाले किसानों और इसके निर्यातकों पर होगा.
बासमती चावल अपनी ख़ुशबू और स्वाद के लिए मशहूर है. इसकी खेती पंजाब के अलावा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ ज़िलों में होती है. देश से सालाना 33 हज़ार करोड़ रुपए का बासमती चालव दूसरे देशों में भेजा जाता है. चावल निर्यातक भी नहीं चाहते कि मध्यप्रदेश को जीआई टैग मिले और ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन भी इसका विरोध कर रहा है.
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश उस भौगोलिक क्षेत्र में नहीं आता जहां बासमती चावल उगाया जाता है. एमपी सरकार का जीआई टैग लेने की कोशिश करना सीधे-सीधे तय प्रक्रिया का उल्लंघन है. ऐसा करने से जीआई टैगिंग का मतलब नहीं रह जाएगा. उन्होंने कहा है कि जीआई टैगिंग में घालमेल करने से इसका असर दूसरे राज्यों के किसानों पर पड़ेगा. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की चिट्ठी पर एमपी के सीएम सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं. केंद्र सरकार के निर्यात के आकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं. केंद्र सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है.
सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश उस भौगोलिक क्षेत्र में नहीं आता जहां बासमती चावल उगाया जाता है. एमपी सरकार का जीआई टैग लेने की कोशिश करना सीधे-सीधे तय प्रक्रिया का उल्लंघन है. ऐसा करने से जीआई टैगिंग का मतलब नहीं रह जाएगा. उन्होंने कहा है कि जीआई टैगिंग में घालमेल करने से इसका असर दूसरे राज्यों के किसानों पर पड़ेगा. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की चिट्ठी पर एमपी के सीएम सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं. केंद्र सरकार के निर्यात के आकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं. केंद्र सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अमरिंदर सिंह से पूछा कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है. मध्यप्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आँकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है। https://t.co/CEUzh0x4wR
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 6, 2020
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