2019-20 में इंडियन कॉर्पोरेट्स ने इलेक्टोरल ट्रस्टों को दिए रिकॉर्ड 363.5 करोड़

इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदा में वित्त साल 2020 के दौरान रिकॉर्ड बढ़त देखी गई है। ट्रस्ट को सबसे ज़्यादा जेएसङब्ल्यू ग्रुप और इंडियाबुल्स जैसे बड़े ग्रुप ने मोटी रकम दिए हैं। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी एक ताज़ा रिपोर्ट में दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सात चुनावी ट्रस्टों द्वारा बताया गया योगदान 2019-20 में बढ़कर 363.5 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की तुलना में 44 फिसदी ज़्यादा है। यह साल 2013 के बाद से चुनावी ट्रस्टों को प्राप्त सबसे बड़ी रकम है।
इलेक्टोरल ट्रस्ट गैर-सरकारी संगठन हैं जो चंदा इकट्ठा कर राजनीतिक दलों में वितरित करने का काम करता है। यह उन कई टूल्स में एक है, जिनका कॉर्पोरेट कंपनियां राजनीतिक चंदा देने के लिए इस्तेमाल करती है। ट्रस्टों के अलावा, कंपनियां प्रत्यक्ष योगदान या अपारदर्शी चुनावी बांड के माध्यम से भी राजनीतिक दलों को चंदा देती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड चुनावी ट्रस्टों को सबसे बड़ा दानदाता रहा, जिसने 39.1 करोड़ रुपये दिए। इसके बाद अपोलो टायर्स लिमिटेड 30 करोड़ रुपये, इंडियाबुल्स इंफ्रास्टेट लिमिटेड ने 25 करोड़ और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
इलेक्टोरल ट्रस्ट गैर-सरकारी संगठन हैं जो चंदा इकट्ठा कर राजनीतिक दलों में वितरित करने का काम करता है। यह उन कई टूल्स में एक है, जिनका कॉर्पोरेट कंपनियां राजनीतिक चंदा देने के लिए इस्तेमाल करती है। ट्रस्टों के अलावा, कंपनियां प्रत्यक्ष योगदान या अपारदर्शी चुनावी बांड के माध्यम से भी राजनीतिक दलों को चंदा देती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड चुनावी ट्रस्टों को सबसे बड़ा दानदाता रहा, जिसने 39.1 करोड़ रुपये दिए। इसके बाद अपोलो टायर्स लिमिटेड 30 करोड़ रुपये, इंडियाबुल्स इंफ्रास्टेट लिमिटेड ने 25 करोड़ और दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 25 करोड़ रुपये का चंदा दिया।
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