Petrol Diesel Price Hike: सात दिनों में पांच रूपये की बढ़ोत्तरी !

by M. Nuruddin 1 year ago Views 22754

Petrol Diesel Price Hike: Five rupees increase in
पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को सातवीं बार बढ़ोत्तरी की गई है। इसी के साथ राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों ने अपना शतक पूरा कर लिया है। वहीं मुंबई में तेल की कीमतें 110 रूपये के पार पहुंच गई है। मंगलवार को पेट्रोल के दामों में 80 पैसे और डीज़ल के दामों में 70 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है। आठ दिनों में देश में ईंधन की कीमतें पांच रूपये तक बढ़ गई है।

इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 99.41 रूपये से बढ़कर 100.21 पर पहुंच गई है, जबकि डीजल 90.77 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 91.47 पर पहुंच गया है। मुंबई में पेट्रोल 115.04 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल 99.25 रुपये प्रति लीटर पर है।


महानगरों में, ईंधन की दरें अभी भी मुंबई में सबसे ज़्यादा हैं। राज्यों में वैट की वजह से ईंधन की कीमतें अलग-अलग हैं। वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी के बाद भी देश में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई थी लेकिन चुनाव के बाद से कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी है।

पिछले सप्ताह मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने बताया था कि चुनाव के दरमियान ईंधन की कीमतें स्थिर रखने की वजह से खुदरा विक्रेताओं को संयुक्त रूप से 19000 करोड़ या 2.25 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है।

माना जा रहा था कि रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से पेट्रोल डीज़ल की कीमतें बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा सकती है लेकिन फिलहान इसकी सार्वजनिक रूप से कोई चर्चा नहीं है।

भारत को अन्य देशों के मुक़ाबले सस्ती कीमतों पर रूस से कच्चे तेल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो रही है। हाल ही में भारत ने रूस से 25 फीसदी के डिस्काउंट पर 30 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की है। ऐसे में अगर सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाती भी है तो यह आम लोगों की जेब पर ब्रम्होस दागने जैसा होगा।

मसलन पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से केन्द्र सरकार की मोटी कमाई होती है। गोन्यूज़ ने आपको पहले भी बताया था कि 2018-19 से 2020-21 के दरमियान तीन सालों में सरकार ने सिर्फ पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से 7.24 लाख करोड़ रूपये की कमाई की थी।

इनमें पेट्रोल पर 2.34 लाख करोड़ रूपये और डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से 4.89 लाख करोड़ रूपये कमाए थे। हैरान करने वाली बात यह रही कि महामारी के दौरान ईंधन पर एक्साइज़ से होने वाली कमाई सबसे ज़्यादा रही।

ग़ौरतलब है कि 2014 के बाद से केन्द्र सरकार ने ईंधन से कमाई पर ज़्यादा फोकस किया है। मसलन 2014 के बाद से केन्द्र ने 13 मौकों पर एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई है जबकि सिर्फ चार मौकों पर ही इसमें कटौती की गई।

महामारी के दौरान केन्द्र ने पेट्रोल पर करीब 33 रूपये एक्साइज़ वसूले और डीज़ल पर करीब 32 रूपये एक्साइज़ थोपे, जो आठ सालों में सबसे ज़्यादा रहा।

इनके अलावा अक्टूबर 2017, फरवरी 2018, अक्टूबर 2018 और आख़िरी बार नवंबर 2021 में एक्साइज़ में कटौती की गई थी। फिलहाल केन्द्र सरकार पेट्रोल पर 27.90 रूपये और डीज़ल पर 21.8 रूपये वसूल रही है।

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