Petrol Diesel Price Hike: सात दिनों में पांच रूपये की बढ़ोत्तरी !

पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को सातवीं बार बढ़ोत्तरी की गई है। इसी के साथ राजधानी दिल्ली में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों ने अपना शतक पूरा कर लिया है। वहीं मुंबई में तेल की कीमतें 110 रूपये के पार पहुंच गई है। मंगलवार को पेट्रोल के दामों में 80 पैसे और डीज़ल के दामों में 70 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है। आठ दिनों में देश में ईंधन की कीमतें पांच रूपये तक बढ़ गई है।
इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल की कीमत अब 99.41 रूपये से बढ़कर 100.21 पर पहुंच गई है, जबकि डीजल 90.77 रूपये प्रति लीटर से बढ़कर 91.47 पर पहुंच गया है। मुंबई में पेट्रोल 115.04 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल 99.25 रुपये प्रति लीटर पर है।
महानगरों में, ईंधन की दरें अभी भी मुंबई में सबसे ज़्यादा हैं। राज्यों में वैट की वजह से ईंधन की कीमतें अलग-अलग हैं। वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी के बाद भी देश में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई थी लेकिन चुनाव के बाद से कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी है। पिछले सप्ताह मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने बताया था कि चुनाव के दरमियान ईंधन की कीमतें स्थिर रखने की वजह से खुदरा विक्रेताओं को संयुक्त रूप से 19000 करोड़ या 2.25 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है। माना जा रहा था कि रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से पेट्रोल डीज़ल की कीमतें बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा सकती है लेकिन फिलहान इसकी सार्वजनिक रूप से कोई चर्चा नहीं है। भारत को अन्य देशों के मुक़ाबले सस्ती कीमतों पर रूस से कच्चे तेल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो रही है। हाल ही में भारत ने रूस से 25 फीसदी के डिस्काउंट पर 30 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की है। ऐसे में अगर सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाती भी है तो यह आम लोगों की जेब पर ब्रम्होस दागने जैसा होगा। मसलन पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से केन्द्र सरकार की मोटी कमाई होती है। गोन्यूज़ ने आपको पहले भी बताया था कि 2018-19 से 2020-21 के दरमियान तीन सालों में सरकार ने सिर्फ पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से 7.24 लाख करोड़ रूपये की कमाई की थी।
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महानगरों में, ईंधन की दरें अभी भी मुंबई में सबसे ज़्यादा हैं। राज्यों में वैट की वजह से ईंधन की कीमतें अलग-अलग हैं। वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी के बाद भी देश में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई थी लेकिन चुनाव के बाद से कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी है। पिछले सप्ताह मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने बताया था कि चुनाव के दरमियान ईंधन की कीमतें स्थिर रखने की वजह से खुदरा विक्रेताओं को संयुक्त रूप से 19000 करोड़ या 2.25 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ है। माना जा रहा था कि रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से पेट्रोल डीज़ल की कीमतें बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा सकती है लेकिन फिलहान इसकी सार्वजनिक रूप से कोई चर्चा नहीं है। भारत को अन्य देशों के मुक़ाबले सस्ती कीमतों पर रूस से कच्चे तेल की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो रही है। हाल ही में भारत ने रूस से 25 फीसदी के डिस्काउंट पर 30 लाख बैरल कच्चे तेल की खरीद की है। ऐसे में अगर सरकार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाती भी है तो यह आम लोगों की जेब पर ब्रम्होस दागने जैसा होगा। मसलन पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से केन्द्र सरकार की मोटी कमाई होती है। गोन्यूज़ ने आपको पहले भी बताया था कि 2018-19 से 2020-21 के दरमियान तीन सालों में सरकार ने सिर्फ पेट्रोल डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी से 7.24 लाख करोड़ रूपये की कमाई की थी।
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