तीन महीने में देश की एक फीसदी आबादी को ही किया जा सका वैक्सीनेट: रिपोर्ट

by M. Nuruddin 2 years ago Views 2158

अबतक भारत की 14.8 करोड़ आबादी को वैक्सीन दिए गए हैं। इनमें वैक्सीन का पहला और दूसरा दोनों डोज़ शामिल है...

भारत एक साथ कई मोर्चों पर मानो घिर गया है। कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के बीच देश स्वास्थ्य संकट और ऑक्सीजन संकट से गंभीर रूप से जूझ रहा है। इतना ही नहीं देश में शुरु किए गए ‘दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान’ को भी अपने मक़ाम तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही है। मसलन एसबीआई की हालिया एक रिसर्च रिपोर्ट से पता चला है कि तीन महीने में देश की महज़ एक फीसदी आबादी ही पूरी तौर पर वैक्सीनेट हो सकी है।

हालांकि अप्रैल की शुरुआत में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन में ‘भारत के सबसे तेज़ देश’ होने का दावा किया था जिसने सबसे कम समय में दस करोड़ से ज़्यादा जैब लगाए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने यह सफलता 85 दिन में हासिल की जबकि अमेरिका को 89 दिन लगे। अब अगर आंकड़े देखें तो अमेरिका अपनी 25.2 फीसदी आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर चुका है जबकि भारत की 1.2 फीसदी आबादी को ही वैक्सीन दिए जा सके हैं।


अगर इस मामले में अन्य देशों की बात करें तो सबसे आगे इज़राइल है जो अपनी 57.5 फीसदी आबादी को वैक्सीनेट कर चुका है। इसी तरह यूरोपीय देश चिले है जिसने अपनी 28 फीसदी से ज़्यादा आबादी को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर लिया है। ब्रिटेन की 14.6 फीसदी और तुर्की की 9.2 फीसदी आबादी पूरी तरह से वैक्सीनेट हो चुकी है। इनके अलावा इटली, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, और रूस जैसे देश वैक्सीनेशन में भारत से कहीं आगे है।

देश में वैक्सीनेशन अभियान 16 जनवरी 2021 को शुरु हुआ। केन्द्र ने फ्रंटलाइन वर्कर्स जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी और सैनिटेशन कर्मचारी शामिल थे, को सबसे पहले वैक्सीनेट करने की योजना बनाई। इसके बाद धीर-धीरे अलग-अलग उम्र के लोगों में इस अभियान का विस्तार हुआ। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऐलान किया है कि 1 मई से 18 साल की उम्र तक के लोग भी टीका लगवा सकेंगे।

हालांकि इसी अप्रैल महीने में देश में वैक्सीन की कमी की वजह से वैक्सीनेशन अभियान धीमा पड़ गया। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से ‘टीका उत्सव’ मनाने की भी अपील की। अगर आंकड़े देखें तो 20 जनवरी को 0.8 मिलियन या आठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई।

इसी तरह 20 फरवरी को 4.1 मिलियन या 40 लाख से ज़्यादा लोगों को वैक्सीन दी गई। इनके अलावा 10 अप्रैल को 38.5 मिलियन जबकि 20 अप्रैल तक यह गिरकर 28.5 मिलियन पर आ गया। यानि 10 अप्रैल को 3.8 करोड़ की तुलना में 20 अप्रैल को 2.8 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई।

ग़ौरतलब है कि भारत ने कोविड वैक्सीन के 205 मिलियन या 20.5 करोड़ डोज़ बुक किए हैं। कैलकुलेशन से पता चलता है कि भारत ने प्रति व्यक्ति सिर्फ 0.15 डोज़ ही खरीदे हैं। जबकि इस मामले में पड़ोसी देश नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश भी भारत से आगे है। नेपाल ने प्रति व्यक्ति 0.94, श्रीलंका ने 0.8 और बांग्लादेश ने प्रति व्यक्ति 0.2 डोज़ की ख़रीदारी की है। इस मामले में सबसे आगे कनाडा है जिसने प्रति व्यक्ति 8.67 वैक्सीन के डोज़ बुक किए।

अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स की एक ख़बर के मुताबिक अबतक भारत की 14.8 करोड़ आबादी को वैक्सीन दिए गए हैं। इनमें वैक्सीन का पहला और दूसरा दोनों डोज़ शामिल है।

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