Omicron Variant: कमर्शियल अंतराष्ट्रीय उड़ानें बहाल करने का फैसला टला; यात्रियों के लिए नए नियम लागू

by Sarfaroshi 2 years ago Views 2470

omicron variant

कोरोना के नए वेरिएंट ऑमिक्रॉन ने दुनिया को दहशत में डाल दिया है। इससे पहले कोरोना के म्यूट होने से पनपा डेल्टा वेरिएंट भारत समेत कई देशों के लिए विनाशकारी साबित हुआ था। अब कोविड का नया वेरिएंट आया है जिसके बारे में अभी बहुत ज़्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। कोविड वेरिएंट से बचने के लिए भारत सरकार ने रेगुलर अंतराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू करने के अपने फैसले को अभी टाल दिया है। अब सरकार इस फैसले की समीक्षा कर रही है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक नोटिस जारी कर कहा कि वह भारत के लिए और भारत से जाने वाली श्केड्यूल कमर्शियल इंटरनेशनल एयरलाइन सेवाओं को फिर से शुरू करने की तारीख पर अपने निर्णय की जानकारी देगा। पहले केंद्र सरकार ने 15 दिसंबर से आम अंतराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने का ऐलान किया था हालांकि दक्षिण अफ्रीका में पाया गया नया कोविड वेरिएंट इसमें रूकावट खड़ी कर रहा है।  

केंद्र सरकार ने राज्यों को अंतराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर चौकन्ना रहने के लिए कहा था। इसके चलते दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों ने अंतराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नए नियमों का ऐलान कर दिया है। दिल्ली हवाईअड्डे की जारी गाइडलाइन के मुताबिक वह यात्री जो ‘रिस्क कंट्री’ से आ रहे हैं उनकी एयरपोर्ट पर ही टेस्टिंग की जाएगी। अगर कोई यात्री संक्रमित पाया जाता है तो उसे कढ़े क्वारींटीन में रखा जाएगा और उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा।

नेगेटिव पाए गए यात्रियों को 7 दिन के अनिवार्य क्वारींटीन में रहना होगा। इसके बाद फिर से उनका कोरना टेस्ट होगा। दिल्ली सरकार ने संभावित ओमक्रॉन संक्रमित मामलों के लिए 40 बेड का एक वॉर्ड भी तैयार किया है। इसके साथ हवाईअड्डे पर उतरे कुल यात्रियों के 5 फीसदी की रैंडम कोरोना जांच होगी जिसका खर्चा सिविल एविएशन मिनिस्ट्री उठाएगी।

महाराष्ट्र सरकार ने भी अंतराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई कोविड गाइडलाइन जारी कर दी हैं। राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक रिस्क देशों से आने वाले यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर विमान से उतारा जाएगा और इनकी टेस्टिंग के लिए अलग अलग काउंटर होंगे। भारतीय सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, यूरोप, हॉन्ग कॉन्ग और न्यूजीलैंड आदि को जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा हैं। इनमें से अधिकतर में ऑमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है।

महाराष्ट्र ने इन देशों से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन का क्वारींटीन अनिवार्य किया है और इस क्वारींटीन के दूसरे, चौथे और सांतवे दिन उनका कोविड टेस्ट होगा। अगर कोई यात्री संक्रमित पाया जाता है तो उसे अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।

गुजरात उन राज्यों में से हैं जहां अंतराष्ट्रीय यात्रियों के साथ साथ राज्य के नागरिकों के साथ भी सख्ती बरती जा रही है। अहमदाबाद के अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर रिस्क देशों से उतरे उतरे यात्रियों को अनिवार्य RT-PCR टेस्ट कराना होगा और इस दौरान रैंडम टेस्टिंग भी की जाएगी।

हवाईअड्डे पर अलग अलग देशों के लिए अलग अलग काउंटर बनाए जाएंगे। संक्रमित लोगों को हवाईअड्डे से सेल्फ-मॉनिटर्ड आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया जाएगा। दूसरी तरफ गुजरात में अहमदाबाद और राजकोट समेत 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू को भी 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर, गांधीनगर और जूनागढ़ में अब 10 और दिन तक रात में बाहर निकले पर पाबंदी रहेगी। 

इसके अलावा दक्षिणी राज्यों ने भी वेरिएंट के खिलाफ कमर कस ली है। जोखिम वाले देशों से तेलंगाना आए यात्री, जो कि टीकाकृत नहीं है, उनकी हवाईअड्डे पर टेस्टिंग की जाएगी। संक्रमित पाए जाने पर सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी।

कर्नाटक की जारी गाइडलाइन कहती हैं कि ऐसे देशों से आने वाले यात्रियों को सिर्फ तभी राज्य में एंट्री मिलेगी जब उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव होगी।

केरल ने कहा कि हालांकि अभी चिंता की कोई बात नहीं है लेकिन अब से एयरपोर्ट पर निगरानी और बढ़ जाएगी। राज्यों को घरेलु स्तर पर बनाई गई गाइडलाइन के अलावा केंद्र सरकार के जारी नियम भी मानने होंगे। केंद्र सरकार के नए नियम 1 दिसंबर से लागू हो चुके हैं।         

 

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