बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले पड़ गए नीतीश !

बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे तन्हा नज़र आने वाले शख़्स में राज्य के सीएम नीतीश कुमार हैं। सीएम नीतीश की रैलियों में भीड़ का नहीं जुटना और भारतीय जनता पार्टी का उनकी मांगों पर चुप रहना इस बात का सबूत है कि नीतीश कुमार अभी बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं।
जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही थे जिन्होंने अपने विकास मॉडल और शराब बंदी के नाम पर महागठबंधन को एक बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के विकास मॉडल के सामने एनडीए गठबंधन को शिकस्त का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में नीतीश के पाला बदलने के बाद राज्य में भाजपा-जदयू की सरकार बनी।
मौजूदा चुनाव में तेजस्वी के पक्ष में मतदाताओं की लामबंदी से साफ है कि सीएम नीतीश के इस फैसले से मतदाताओं में गुस्सा है। मतदाता यहां तक कहते दिख रहे हैं कि नीतीश की हो रही इस 'दुर्गती' की वजह वो खुद हैं। बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की एक रैली के दौरान लालू समर्थकों ने 'लालू ज़िन्दाबाद' के नारे लगाए जिसपर मुख्यमंत्री भड़क गए। सारण ज़िले में अपनी एक रैली के दौरान उन्होंने लालू समर्थकों पर भड़कते हुए यह तक कह दिया कि 'यहां पर हल्ला मत करो, तुमको अगर वोट नहीं देना है, मत दो।'
उधर महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर 60 घोटाले का आरोप लगाया है। तेजस्वी का आरोप है कि नीतीश सरकार ने इस घोटाले में बिहार के बजट से 30 हज़ार करोड़ रूपये का 'गबन' किया है। रोजगार के मुद्दों को लेकर भी तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। तेजस्वी ने यहां तक आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री 'शारिरिक और मानसिक' रूपे से 'थक' चुके हैं। उन्होंने कथित आरटीआइ से मिली जानकारी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपना 'चेहरा चमकाने के लिए 500 करोड़ रूपये विज्ञापन पर ख़र्च किया है। और कहते हैं कि बिहार में समुंदर नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लग सकता।' उन्होंने मुख्यमंत्री के इस बयान को 'हास्यासपद' बताया। उधर चिराग पासवान भी सीएम नीतीश की घेराबंदी में जुटे हैं। चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर बिहार को विकास के मुद्दों पर पिछड़े होने का ज़िम्मेदार ठहराया है। जिसपर भाजपा चुप्पी साधे हुई है। हालांकि चिराग पासवान के लगातार नीतीश पर हमले से अब भाजपा को ख़तरा महसूस होने लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने प्रचारकों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के जमूई में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने अपनी सभा में राहुल गांधी और एआइएमआइएम के प्रमुख असददुद्दीन ओवैसी पर चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी चुनावी सभा में कहा कि अब लालटेन का युग ख़त्म हो गया है और एलईडी का वक्त आ गया है। बता दें कि 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान है। वहीं दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 3 और 7 नवंबर को है और 10 नवंबर को नतीज़े घोषित किए जाएंगे।
मौजूदा चुनाव में तेजस्वी के पक्ष में मतदाताओं की लामबंदी से साफ है कि सीएम नीतीश के इस फैसले से मतदाताओं में गुस्सा है। मतदाता यहां तक कहते दिख रहे हैं कि नीतीश की हो रही इस 'दुर्गती' की वजह वो खुद हैं। बुधवार को सीएम नीतीश कुमार की एक रैली के दौरान लालू समर्थकों ने 'लालू ज़िन्दाबाद' के नारे लगाए जिसपर मुख्यमंत्री भड़क गए। सारण ज़िले में अपनी एक रैली के दौरान उन्होंने लालू समर्थकों पर भड़कते हुए यह तक कह दिया कि 'यहां पर हल्ला मत करो, तुमको अगर वोट नहीं देना है, मत दो।'
उधर महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव और लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर 60 घोटाले का आरोप लगाया है। तेजस्वी का आरोप है कि नीतीश सरकार ने इस घोटाले में बिहार के बजट से 30 हज़ार करोड़ रूपये का 'गबन' किया है। रोजगार के मुद्दों को लेकर भी तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। तेजस्वी ने यहां तक आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री 'शारिरिक और मानसिक' रूपे से 'थक' चुके हैं। उन्होंने कथित आरटीआइ से मिली जानकारी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपना 'चेहरा चमकाने के लिए 500 करोड़ रूपये विज्ञापन पर ख़र्च किया है। और कहते हैं कि बिहार में समुंदर नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लग सकता।' उन्होंने मुख्यमंत्री के इस बयान को 'हास्यासपद' बताया। उधर चिराग पासवान भी सीएम नीतीश की घेराबंदी में जुटे हैं। चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर बिहार को विकास के मुद्दों पर पिछड़े होने का ज़िम्मेदार ठहराया है। जिसपर भाजपा चुप्पी साधे हुई है। हालांकि चिराग पासवान के लगातार नीतीश पर हमले से अब भाजपा को ख़तरा महसूस होने लगा है। भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने प्रचारकों को मैदान में उतारना शुरू कर दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार के जमूई में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने अपनी सभा में राहुल गांधी और एआइएमआइएम के प्रमुख असददुद्दीन ओवैसी पर चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी चुनावी सभा में कहा कि अब लालटेन का युग ख़त्म हो गया है और एलईडी का वक्त आ गया है। बता दें कि 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान है। वहीं दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 3 और 7 नवंबर को है और 10 नवंबर को नतीज़े घोषित किए जाएंगे।
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